पंजाब सरकार का किसानों का कर्ज माफ़ करने का फैसला अब सरकार के गले की हड्डी बन गया है. और इस फैसले से अकाली और कांग्रेसी नेता दो रास्तों पर चल दिए है. गौरतलब है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की पंजाब सरकार किसान कर्ज माफी का फैसला ले चुकी है और अपने इस फैसले को बड़े पैमाने पर प्रसारित भी कर रही है. कांग्रेस सरकार किसानों के प्रति हमदर्द पार्टी का तमगा भी चाहती है. इस फैसले के दम पर है कांग्रेस 2019 के चुनावो की तैयारी में भी लगी है.
मगर पहले एक लाख रुपए कर्ज माफी का वादा और बाद में इसे कम करने के कारण विपक्ष का कहना है कि कांग्रेस सरकार अपने वादों से पीछे हट रही है और किसानों के साथ भद्दा मजाक कर रही है. इस मुद्दे पर अकाली दल की राय भी भिन्न-भिन्न है. कोई कह रह रहा है कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कांग्रेस सरकार बनते ही अपना वायदा निभाया और किसानों का हाथ थामा.
वही अकाली विधायक पवन टीनू का कहना है कि चुनावों से पहले कैप्टन ने जनता से झूठे वायदे किए. यह किसानों के साथ कैप्टन सरकार का एक भद्दा मजाक है. कांग्रेसी विधायक सुरिंद्र चौधरी का कहना है कि जब-जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, तब-तब जनता की सुनी गई.
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