लखनऊ। यूपी में सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ किसानों की कर्ज माफ़ी के लेकर संजीदगी से जुटे हैं। योगी मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही छोटे किसानों की कर्ज माफ़ी का ऐलान किया गया था। लेकिन अब इस फैसले में योगी की एक बड़ी चूक सामने आ रही है। यह भी पढ़े:> उस दिन कैटरीना के साथ ‘सेक्स’ में मेरे तो पसीने छूट गए थे, क्योकि वो बहुत ही….
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दरअसल, प्रदेश सरकार इस बात को लेकर परेशान हो रही है कि इतनी बड़ी धनराशी का इंतजाम कैसे होगा। कर्ज माफ़ी के ऐलान के बाद ये वित्त विभाग के गले की फांस बना गया है। इतना ही नहीं योगी के सामने इससे भी बड़ी एक और चुनौती है।
प्रदेश सरकार ने सिर्फ छोटे किसानो की कर्ज माफ़ी का ऐलान किया है लेकिन अब वो ये तैय नहीं कर पा रही कि आखिर लघु किसान हैं कौन? किसका कर्ज माफ़ किया जाए किसका नहीं। हालांकि इस गुत्थी को सुलझाने के लिए योगी ने आन्ध्र प्रदेश में तैनात रहे पीवी रमेश कुमार को लखनऊ बुलाया है जो ऋण माफ़ी के तौर तरीके समझाएंगे।
पर अगर इस कदम से भी ये समस्या हल नहीं हुई तो योगी, पीएम मोदी से मदद मागेंगे। दरअसल, योगी सरकार को बैंकों से डाटा मिलने के बावजूद ये तय नहीं हो पा रहा है कि किस किसान का ऋण माफ़ किया जाए।
आपको बता दें कि योगी सरकार की तमाम बैठकों में ये मत बना है कि अगर कर्ज माफ़ी के लिए 36000 करोड़ रूपए का इंतज़ाम नहीं हुआ तो केंद्र रस्कार से मदद मांगी जाएगी।
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