दिवाली व बंदी छोड़ दिवस के मौके पर अमृतसर शहर दुल्हन की तरह सज गया है। शहर के तमाम बाजार रंग बिरंगी लाइटों से सज गए हैं।
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दुनिया भर में मशहूर है कि दाल रोटी घर की, दिवाली अमृतसर की। जी हां, श्री दरबार साहिब में दिवाली के अवसर व बंदी छोड़ दिवस पर दो दिनों में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
यही नहीं देश भर के करीब एक लाख भिक्षुक अमृतसर पहुंच चुके हैं। अमृतसर में बंदी छोड़ दिवस व दिवाली के मौके पर हरेक साल लाख सवा लाख भिक्षुक यहां पहुंचते हैं। अधिकांश भिक्षुक उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली व अन्य जगहों से आते हैं।
शहर के सभी होटल व एसजीपीसी की सभी सराय बुक हैं। एसजीपीसी प्रधान प्रोफेसर किरपाल सिंह बंडूगर ने देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को दिवाली व बंदी छोड़ दिवस पर मुबारकबाद दी है। प्रोफेसर बंडूगर ने कौम के नाम संदेश देते हुए सभी सिख धर्म प्रेमियों से आग्रह किया है कि वह प्रदूषण रहित दिवाली मनाएं। पटाखे न चलाएं।
उन्होंने कहा अमृतसर की दिवाली पूरी दुनिया में मशहूर है। बंदी छोड़ दिवस पर हरेक साल करीब चार से पांच लाख श्रद्धालु श्री दरबार साहिब पहुंचते हैं। इस बार आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती पांच लाख का आंकड़ा पार कर सकती है।
श्री दरबार साहिब के आसपास बाजारों में एसजीपीसी ने स्पेशल लाइटिंग करवाई है। बंदी छोड़ दिवस को लेकर जहां एसजीपीसी ने श्री अकाल तख्त साहिब में विशेष समारोह आयोजित किया है, वहीं करीब एक घंटे तक प्रदूषण रहित आतिशबाजी होगी। पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।