कर्नाटक में सब कुछ कब ठीक होगा ये कहा जाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है. बजट और उसके दौरान फैली शांडि एक बार फिर भंग हुई. कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और पूर्व सीएम सिद्धारमैया फिर एक दूसरे से भीड़ गए है. विवाद एचडी कुमारस्वामी के उस बजट प्रस्ताव पर है जिसमें कहा गया है कि अन्न भाग्य स्कीम के तहत गरीबों के लिए प्रति किलो चावल पर 1 रुपए दाम कम करके पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए जाएं.
सिद्धारमैया ने कुमारस्वामी को लिखी एक चिट्ठी में कहा है कि सीएम को 34,000 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफी के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए चावल की मात्रा प्रति व्यक्ति 7 किलो से 5 किलो नहीं करनी चाहिए. सिद्धारमैया सरकार की योजना अन्न भाग्यपर राज्य के 3 करोड़ लोगों को भोजन दे रही है. अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि चावल की 2 किलो मात्रा कम कर देने से हर वर्ष 600-700 करोड़ रुपए ही बचेंगे. उन्होंने कुमारस्वामी को सलाह दी है कि वह पेट्रोल और डीजल पर सरकार लेवी ना बढ़ाए, जिससे इनके दाम बढ़ सकते हैं.
कर्नाटक के बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि सिद्धारमैया की चिट्ठी ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के बीच ‘गहरे अलगाव’ को सामने ला दिया है. दोनों के बीच की दरार का सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है. बीजेपी पहले भी कह चुकी है कि हम कर्नाटक की सरकार गिराने में नहीं लगे है वो खुद ब खुद गिर जाएगी.
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