इराकी संघीय बल करीब एक महीने से चली आ रही राजनीतिक लड़ाई को खत्म करने के लिए सोमवार तड़के कुर्दों के कब्जे वाले विवादित इलाके में प्रवेश कर गए. इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ तेल समृद्ध शहर किरकुक को बचाने के लिए तीन साल पहले कुर्द मिलिशिया ने इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था.अभी-अभी: रोहिंग्या शरणार्थियों की नाव नदी में पलटी, बच्चों समेत 8 लोगों की मौत, कई लापता
सरकारी टीवी अल इराकिया ने कहा कि इराकी सेना, संघीय आतंकवाद विरोधी बल और पुलिस इकाइयां शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर गए. कुर्द पेशमर्गा बलों की ओर से उन्हें किसी प्रकार के प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा. बहरहाल, शहर के कुछ निवासियों और इराकी मिलिशिया कमांडर ने गोलाबारी होने की बात कही है.
अल-इराकिया ने प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी के दफ्तर की ओर से जारी एक बयान के हवाले से कहा गया है कि इराकी नेता ने संघीय बलों को स्थानीय बाशिंदों और पेशमर्गा (कुर्दों के राष्ट्रवादी संगठन के छापामार सदस्य) की मदद से शहर में सुरक्षा व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया है. उन्होंने संकेत दिया कि वह शहर के प्रशासन को कुर्दिश स्वायत्त क्षेत्र के साथ साझा करना चाहते हैं जिसके पड़ोस में किरकुक प्रांत है.
यह कदम आजादी की खातिर कुर्दों द्वारा विवादित जनमत संग्रह के लिए मतदान करने के तीन हफ्ते बाद आया है. इस जनमत संग्रह को बगदाद ने मानने से इनकार कर दिया है.