नई दिल्ली। पाकिस्तान कुलभूषण जाधव की फांसी पर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा लगाई गई रोक को नहीं मानने के तरीके तलाश कर रहा है। पाक पीएम नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि आईसीजे के आदेश व अधिकार क्षेत्र का विश्लेषषण किया जा रहा है। जल्द बयान जारी कर जवाब दिया जाएगा।
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इसलिए भारत गया अंतरराष्ट्रीय अदालत
इधर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि पाक जेल में बंद जाधव को जान का खतरा है, इसलिए भारत आईसीजे गया। मंगलवार रात आईसीजे द्वारा पाक जेल में बंद जाधव की फांसी रोक लगाने के बाद बुधवार को पाक पीएम नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा व अन्य अफसरों के साथ विचार-विमर्श किया। शरीफ के सलाहकार अजीज ने बताया कि हम भारत की याचिका व आईसीजे के अधिकारों का परीक्षण कर रहे हैं। पाक रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि उपयुक्त मंच पर जल्द जवाब दिया जाएगा।
साल्वे बोले-15 मई को होगी सुनवाई
हेग में भारत के पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के अनुसार, अगली सुनवाई 15 मई को हो सकती है। आईसीजे अध्यक्ष ने सदस्य देशों को जजों की पीठ गठित करने लिए पत्र लिखा है। साल्वे ने कहा कि याचिका का जवाब देने में पाक कितना वक्त चाहता है, उस पर आगे की कार्रवाई तय करेगी। विएना संधि का उल्लंघन साल्वे ने बताया कि विएना संधि में प्रावधान है कि जब कोई व्यक्ति दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है तो उसके देश के वकील को सूचित करना जरूरी है। यह वकील उस व्यक्ति से मिल सकता है।
आपको बता दें कि पाक की सैन्य अदालत ने पिछले माह जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। जाधव को वकील भी मुहैया नहीं कराया गया। आईसीजे में भारत ने कहा है कि पाकिस्तान राजनयिक रिश्तों के नियमन की विएना संधि का घोर उल्लंघन कर रहा है। जाधव का ईरान से अपहरण किया गया। वह नौसेना से रिटायर होने के बाद ईरान में व्यापार कर रहे थे। जबकि पाक का आरोप है कि उन्हें 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान में जासूसी करते गिरफ्तार किया गया था।
16 बार पाक ने की अनसुनी
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि पाकिस्तान ने 16 बार भारत के आग्रह को अनसुना किया, इसलिए हमें आईसीजे जाना प़़डा। जाधव से भारतीय दूतावास के अफसरों से मुलाकात कराने का लगातार आग्रह किया गया था। पाक ने जाधव केस के दस्तावेज भी नहीं दिए। जाधव के परिवार द्वारा दायर अपील का क्या हुआ, इसकी भी कोई जानकारी नहीं दी गई। विदेश मंत्री सुषषमा स्वराज ने 27 अप्रैल को सरताज अजीज को पत्र लिखकर जाधव के परिवार को वीसा देने का आग्रह किया था।
अड़ियल पाक नहीं माना तो सीमित हैं विकल्प
– संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत बने आईसीजे का आदेश मानना जरूरी है।
– भारत, पाक दोनों आईसीजे के सदस्य हैं, इसलिए आदेश मानने को बाध्य हैं।
– लेकिन आईसीजे के पास आदेश को लागू कराने का कोई तरीका नहीं है।
– पाक नहीं माने तो आईसीजे मामला सुरक्षा परिषषद में भेज सकती है।
– ऐसे में सुरक्षा परिषषद दबाव डाल सकती है, लेकिन वहां भी वीटो रोडा है।
– निकारागुआ मामले में वीटो कर अमेरिका ने मुआवजा नहीं दिया था।
– आतंकी मौलाना मसूद अजहर मामले में चीन ने पाक के पक्ष में वीटो किया था।