कृषि कानून के विरोध में पंजाब के सीएम कैप्टम अमरिंदर सिंह शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उनके जन्मस्थान खटकर कलां गांव में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके साथ मंत्री, MLA और कार्यकर्ता भी धरना दे रहे हैं. धरना आरंभ करने से पहले मुख्यमंत्री कैप्टम अमरिंदर सिंह ने भगत सिंह की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस दौरान उन्होंने कृषि बिलों को राष्ट्रपति की मंजूरी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक’ करार दिया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को संसद में अपनी चिंताएं जताने का अवसर तक नहीं दिया गया. ऐसे में राष्ट्रपति की स्वीकृति उन किसानों के लिए झटका है जो केंद्र के इन कानूनों के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन कानूनों के लागू होने से पंजाब का कृषि क्षेत्र तबाह हो जाएगा. वहीं कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानून को किसानों के लिए सजा-ए-मौत के सामान बताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘नया कृषि कानून किसानों के लिए मौत का फरमान है. उनकी आवाज को संसद और संसद के बाहर दबाया जा रहा है. ये सबूत है कि देश में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है.’
इससे पहले केरल से कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने कृषि कानून को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. संसद द्वारा किसानों से संबंधित बिल को वापस लेने के लिए रिट याचिका दाखिल की गई है. शीर्ष अदालत के सामने टीएन प्रतापन के वकील आशीष जॉर्ज, वकील जेम्स पी थॉमस और एडवोकेट सीआर रेखेश शर्मा हाजिर होंगे.
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