केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि यदि राजस्थान सरकार सहयोग करती, तो टिड्डियां प्रदेश से आगे नहीं बढ़ पाती। उनपर वहीं काबू पा लिया जाता। उन्होंने कहा कि टिड्डियों का प्रभावी ढंग से नियंत्रण केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में ही हो सकता है। अगर राजस्थान सरकार के सहयोग करती तो यह कार्य अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता था। समाचार एजेंसी आइएएनस से खास बातचीत में उन्होंने यह बात कही।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से टिड्डी नियंत्रण के लिए वित्तीय सहायता के बावजूद, राजस्थान सरकार ने भी इस दिशा में कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जिसके कारण सीमा क्षेत्र में टिड्डियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान में टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए 14 करोड़ रुपये दिए, लेकिन राज्य ने पाकिस्तान के इलाकों से राजस्थान में प्रवेश करने से इनको रोकने के लिए आवश्यक उपाय नहीं किए।
कोरोना महामारी के बीच टिड्डियों ने एक नई समस्या पेश की
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर के सीमावर्ती क्षेत्रों में आवश्यक मशीनों और ट्रैक्टरों और अन्य कृषि उपकरणों की कोई व्यवस्था नहीं की। कोरोना महामारी के बीच टिड्डियों ने एक नई समस्या पेश की है, जो दिल्ली सहित देश के 10 राज्यों में लगभग 90 जिलों तक पहुंच गई है और खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा रही है।
प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की कोशिश जारी
यह पूछने पर कि क्या राज्य सरकारें टिड्डियों से निपटने में विफल रही हैं, उन्होंने कहा कि राजस्थान सहित अन्य राज्यों में उन्हें प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ड्रोन का उपयोग हवाई छिड़काव के लिए किया जा रहा है, साथ ही टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए माइक्रोनियर स्प्रेयर जैसी हाई-टेक मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं। जल्द ही हेलीकॉप्टरों की मदद से हवाई छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माइक्रोनेयर की तर्ज पर स्वदेशी तकनीक वाली स्प्रेयर मशीन विकसित की गई है, जिसका सफल परीक्षण किया जा चुका है और इसलिए टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए आगे उपकरण आयात करने की जरूरत नहीं होगी।
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