केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में मनाई मकर संक्रांति

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद के मेमनगर इलाके में शांति निकेतन सोसाइटी के लोगों के साथ मकर संक्रांति मनाई। इस दौरान उन्होंने पतंग भी उड़ाई। उनके साथ गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे। सोसाइटी को रंग-बिरंगी पतंगों और रंगोली से खूबसूरती से सजाया गया था।

पूरे देश में आज मकर संक्रांति की धूम है। त्योहार के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात पहुंचे। उन्होंने अहमदाबाद के मेमनगर इलाके में शांति निकेतन सोसाइटी के लोगों के साथ मकर संक्रांति मनाई। इस दौरान उन्होंने पतंग भी उड़ाई। उनके साथ गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर सोसाइटी को रंग-बिरंगी पतंगों और रंगोली से खूबसूरती से सजाया गया था। लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम भूपेंद्र पटेल का स्वागत किया। इस दौरान पारंपरिक ढोल नगाड़ों की धुन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम भूपेंद्र पटेल ने लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं।

इससे पहले एक्स पर पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि ‘मकर संक्रांति’ भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के प्रति अमावस्या आस्था का पर्व है। देशवासियों को ऊर्जा, ऊर्जा और उत्पादकता के इस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

वहीं पीएम मोदी ने भी एक्स पर लोगों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सभी देशवासियों को मकर संक्रांति की अनेकानेक शुभकामनाएं। उत्तरायण सूर्य को समर्पित यह पावन उत्सव आप सबके जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे।

आज पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। मकर संक्राति पर खिचड़ी, गुड़, तिल का भोग लगता है। भारत में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर विभिन्न प्रांतों में प्रसाद के रूप में खिचड़ी तैयार की जाती है। कहीं इसे ताई पोंगल, कहीं खेचड़ा, कहीं माथल तो कहीं बीसी बेले भात कहा जाता है। मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान शुरू हो गया है। महाकुंभ मेला प्रशासन की तरफ से पूर्व की मान्यताओं का पूरी तरह ध्यान रखते हुए सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के लिए अमृत स्नान का भी क्रम जारी किया गया है। आज मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों का अमृत स्नान करीब साढ़े नौ घंटे तक चलेगा।

मकर संक्रांति का महत्व
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के साथ करीब एक महीने से चले आ रहे खरमास खत्म हो जाता है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही शुभ और मांगलिक कार्य फिर आरंभ हो जाते हैं। इसके साथ विवाह, गृहप्रवेश, सगाई, मुंडन और अन्य तरह दूसरे धार्मिक आयोजन आरंभ हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान विशेष कर प्रयागराज में संगम में स्नान और दान करना का महत्व होता है। इस दिन विशेष कर तिल, गुड़, दाल, खिचड़ी और कंबल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

सूर्य के उत्तरायण होने का दिन है मकर संक्रांति
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं। मकर का अर्थ है मकर राशि और संक्रांति का अर्थ है संक्रमण। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना ”संक्रांति ” कहलाता है और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहते हैं। सूर्य का मकर रेखा से उत्तरी कर्क रेखा की ओर जाना ‘उत्तरायण ‘ और कर्क रेखा से दक्षिणी मकर रेखा की ओर जाना दक्षिणायण कहलाता है। उत्तरायण में दिन बड़े हो जाते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं। दक्षिणायण में ठीक इसका विपरीत होता है। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण देवताओं का दिन और दक्षिणायण देवताओं की रात होती है।

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