केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली बीजेपी, संघ और अन्य भगवा दल भले ही लोगों को ‘वंदे मातरम्’ गाने के लिए प्रेरित करते रहते हों लेकिन एनडीए में शामिल रिपब्लिकन पार्टी (ए) के नेता व केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का विचार इससे जुदा है. आठवले का कहना है कि समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने के लिए जानबूझकर राष्ट्रीय गीत के मुद्दे को उठाया जा रहा है. नरेश अग्रवाल ने कहा: जैसे माल्या को निकाला है उसी तरह सचिन-रेखा को भी निकालो राज्यसभा से
महाराष्ट्र में बीजेपी के एक विधायक की मांग है कि स्कूल-कालेज में ‘वंदे मातरम्’ गाया जाए. लेकिन बीजेपी के सहयोगी दल के नेता आठवले इससे उलट बात कह रहे हैं. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ नहीं गाता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. अठावले ने कहा कि समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने के लिए जानबूझकर राष्ट्रीय गीत के मुद्दे को उठाया जा रहा है.
आठवले ने सोमवार को ठाणे के समीप कल्याण में महाराष्ट्र ग्रामीण पत्रकार संघ की 11वीं वर्षगांठ पर संबोधन देते हुए कहा, ‘‘हर किसी को वंदे मातरम् गाना चाहिए लेकिन अगर कोई नहीं गाता है तो इसमें क्या गलत हो जाएगा?’’ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘अगर कोई वंदे मातरम् नहीं गाता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.’’
गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु में सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सप्ताह में कम से कम एक बार ‘वंदे मातरम्’ का उच्चारण करना अनिवार्य कर दिया है. महाराष्ट्र में बीजेपी के एक विधायक ने हाल ही में राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में इस आदेश को लागू करने की मांग की थी. उनकी इस मांग का अन्य दलों के विधायकों ने विरोध किया था.