केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अब तक दी साढ़े 30 करोड़ से अधिक वैक्सीन, अभी भी बची हैं 1.5 करोड़ से अधिक डोज

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक साढ़े 30 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक प्रदान की गई हैं। केंद्र ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 1.50 करोड़ से अधिक शेष और अप्रयुक्त कोरोना वैक्सीन डोज अभी भी उपलब्ध हैं।मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम के नए संशोधित दिशानिर्देश लागू होने के पहले 72 घंटों में दो करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक दी गई। भारत सरकार और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के माध्यम से अब तक केंद्र राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को साढ़े 30 करोड़ (30,54,32,450) से अधिक वैक्सीन डोज दे चुका है।

मंत्रालय ने कहा कि इसमें से अपव्यय सहित कुल खपत 29,04,04,264 खुराक (गुरुवार को सुबह 8 बजे उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) है। 1.50 करोड़ से अधिक (1,50,28,186) शेष और अप्रयुक्त कोरोना वैक्सीन डोज अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, 47,00,000 से अधिक वैक्सीन डोज रास्ते में हैं और वे अगले तीन दिन में उन्हें मिल जाएंगी। केंद्र सरकार पूरे देश में कोरोना टीकाकरण की गति तेज करने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोरोना टीकाकरण का नया चरण 21 जून से शुरू हुआ है।

राज्यों के बीच टीकों का वितरण पारदर्शी तरीके से : केंद्र

प्रत्येक राज्य को कोरोनारोधी टीकों का वितरण उसकी जनसंख्या, संक्रमण के मामलों, उपयोग दक्षता और बर्बादी संबंधी कारकों के आधार पर किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुवार को मीडिया की उन खबरों का खंडन किया जिसमें टीकों के गैर पारदर्शी वितरण का आरोप लगाया गया है।मंत्रालय ने कहा कि राज्यों के बीच गैर पारदर्शी तरीके से टीका वितरण किए जाने के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत का राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम वैज्ञानिक एवं महामारी विज्ञान संबंधी साक्ष्यों पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा-निर्देशों और सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों पर तैयार किया गया है। व्यवस्थित योजना वाले इस कार्यक्रम को राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे प्रमुख लोगों की प्रभावी एवं सफल सहभागिता से लागू किया गया है।

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