केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य की योगी सरकार से अपने दम पर संसाधन जुटाने की बात कही है। इस बात से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार यूपी के किसानों का कर्ज माफ करने के लिए योगी सरकार को फंड नहीं जारी करेगी। इस बारे में संकेत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में दिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों के कर्ज माफ करने के प्रधानमंत्री मोदी के वादे को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल के एक स्पष्टीकरण मांगने पर जेटली ने कहा, ‘अगर कोई राज्य सरकार सक्षम है और उस दिशा में बढ़ना चाहती है तो राज्य को अपने संसाधन जुटाने होंगे।किसानों की कर्ज माफी पर बोले वित्त मंत्री- राज्य सरकार उठाए कदम
इस संबंध में वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘ऐसी स्थिति नहीं आएगी जिसमें एक राज्य की मदद की जाएगी और अन्य राज्य की नहीं।’ जेटली ने यह बात महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों की ओर से किसानों के कर्ज माफ करने की मांग उठने के संबंध में कही। उनके जवाब से यह संकेत मिला कि केंद्र सरकार पूरे देश में किसानों के कर्ज माफ करने पर विचार नहीं कर रही है।
खबरों की गर मानें तो उस समय ऐसी योजना थी कि बीजेपी की राज्य सरकार कृषि क्षेत्र के इन कर्जों की देनदारी लेगी और इसके लिए बैंकों से मोलभाव कर रकम लगभग 4,000 करोड़ रुपये की सालाना किस्त के जरिए चार वर्षों में चुकाने की कोशिश की जाएगी। इससे राज्य के बजट को असंतुलित होने से बचाया जा सकेगा और कर्ज चुकाने की अवधि मौजूदा सरकार के कार्यकाल से अधिक नहीं होगी।