लखनऊ , 5 जनवरी केजीएमयू में तैनात एक रेजीडेंट डाक्टर साइबर जालसाजों का शिकार हो गया। रेलवे का टिकट कैंसिल करने के लिए शिकायत पर जालसाजों ने डाक्टर से एटीएम की सारी जानकारी हासिल कर ली और फिर उसके खाते से 17 हजार रुपये निकाल लिये। ठगी का शिकार हुए डाक्टर ने इस संबंध में चौक कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करायी है। आनलाइन हुई ठगी के मामले में चौक पुलिस ने
साइबर क्राइम की कोई भी धारा नहीं लगायी है।
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रवीन्द्र कुमार रेजीडेंट डाक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंंने कुछ समय पहले आईआरटीसी की वेबसाइट से रेलवे का एक टिकट बुक किया था। किसी कारणवश उन्होंने टिकट को कैंसिल कर दिया था। टिकट कैंसिल कराने के बाद भी रवीन्द्र कुमार के खाते में रुपये वापस नहीं आये थे। इसके बाद 2 जनवरी को उन्होंने इस संबंध में आईआरटीसी की वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज करायी थी।
शिकायत दर्ज कराने के कुछ ही समय के बाद उनके पास एक कॉल आयी। फोनकर्ता ने डाक्टर रवीन्द्र कुमार को
बताया कि जल्द ही उनके खाते में टिकट कैंसिलेशन के रुपये आ जायेगे। इसके बाद फोनकर्ता ने डाक्टर से उनके एटीएम के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली। डाक्टर रवीन्द्र कुमार को भी ऐसा लगा कि फोनकर्ता आईआरटीसी का अधिकारी है।
उन्होंंने भी बिना सोचे-समझे अपने एटीएम की सारी जानकारियां उसको दे दी। डाक्टर से फोनकर्ता ने कहा कि कुछ ही देर में उनके टिकट के रुपये खाते में वापस आ जायेंगे और यह कहकर उसने फोन रख दिया। इसके कुछ ही देर के बाद डाक्टर के पास बैंक से मैसेज मिला कि उनके खाते से एक बार में 16000 हजार रुपये और दूसरी बार में 1568 रुपये निकाले गये है। खाते से रुपये निकालने जाने का मैसेज देख डाक्टर रवीन्द्र कुमार के पैरों तल जमीन खिसक गयी।
उन्होंने फौरन ही इस संबंध में बैंक के कस्टमर केयर नम्बर पर बात की तो पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद पीडि़त डाक्टर ने इस मामले में चौक कोतवाली में अज्ञात फोनकर्ता के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करायी है। डाक्टर ने पुलिस को फोनकर्ता का मोबाइल नम्बर भी दिया है। हैरानी वाली बात यह है कि डाक्टर रवीन्द्र कुमार के साथ आनलाइन धोखाधड़ी की गयी, बावजूद इसके चौक पुलिस ने इस मामले में साइबर क्राइम की किसी भी धारा के तहत रिपोर्ट दर्ज नहीं की।