केदारनाथ से चार किलोमीटर ऊपर बर्फीले इलाके में रविवार तड़के एक तेज आवाज के साथ हिमस्खलन हुआ। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह हिमस्खलन सुबह पांच बजकर छह मिनट पर केदारनाथ घाटी के ऊपरी छोर पर स्थित हिमाच्छादित मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखला के नीचे चौराबाड़ी हिमनद में गांधी सरोवर के ऊपरी क्षेत्र में हुआ।
जानमाल का कोई नुकसान नहीं
रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने संवाददाताओं को बताया कि चौराबाड़ी हिमनद में सुबह हुए हिमस्खलन से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है और केदारनाथ सहित पूरा क्षेत्र सुरक्षित है। इस इलाके में हिमस्खलन एक सामान्य प्राकृतिक घटना है। सुबह केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए गए श्रद्धालुओं ने भी इस घटना को देखा और कई ने इसे अपने मोबाइल में कैद भी किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में चोराबाड़ी ग्लेशियर और गांधी सरोवर से ऊपर हिमस्खलन से बर्फ का भारी गुबार तेज रफ्तार के साथ नीचे खिसकते हुए दिखाई दे रहा है जो गहरी खाई में समा गया। इस दौरान मंदिर और अन्य क्षेत्रों में मौजूद यात्री और अन्य लोगों में कौतूहल बना रहा।
धाम में मौजूद गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लगभग पांच मिनट तक इस प्राकृतिक घटना को देखने के लिए लोगों में खासा कौतूहल दिखाई दिया।” उन्होंने बताया कि आठ जून को भी चौराबाड़ी हिमनद में हिमस्खलन हुआ था। सितंबर और अक्टूबर 2022 में भी यहां तीन बार हिमस्खलन हुआ था। वहीं, 2023 में मई और जून में चौराबाड़ी से लगे कंपेनियन हिमनद में पांच बार हिमस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। उस समय भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र का स्थलीय और हवाई सर्वेक्षण कर पूरी स्थिति का जायजा लिया था। वैज्ञानिक दल ने तब हिमालय क्षेत्र में इन घटनाओं को सामान्य बताया था, लेकिन उन्होंने केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा को और बेहतर बनाने पर जोर दिया था।