कैथेटर के इस्तेमाल से बढ़ रहा ब्लड इन्फेक्शन

आज की तेज रफ्तार लाइफस्टाइल में तनाव एक सामान्य स्थिति बन गई है। बिल्कुल स्ट्रेस-फ्री रहना मुमकिन नहीं है, लेकिन अगर स्ट्रेस बढ़ने लगे और लंबे समय तक बना रहे, तो परेशानियों की वजह बन सकता है। लगातार बने रहने वाले तनाव को क्रॉनिक स्ट्रेस कहा जाता है।

अगर स्ट्रेस लंबे समय तक रहे, तो कई बीमारियां हो सकती हैं। आइए दानें ज्यादा स्ट्रेस की वजह से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और इनसे बचने के लिए स्ट्रेस कैसे मैनेज करें।

तनाव के कारण होने वाली बीमारियां
हार्ट डिजीज- लगातार स्ट्रेस में रहने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, दिल की धड़कन तेज होती है और कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है। इससे आर्टरीज में सूजन आ सकती है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर बिगड़ सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
पाचन तंत्र की समस्याएं- तनाव सीधे पेट और आंतों को प्रभावित करता है। इससे एसिडिटी, सीने में जलन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), अल्सर और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों को भूख न लगने या जरूरत से ज्यादा खाने की आदत पड़ जाती है।
मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर- स्ट्रेस एंग्जायटी और डिप्रेशन की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। यह नींद के पैटर्न को बिगाड़ देता है, फोकस कम करता है, चिड़चिड़ापन बढ़ाता है और कई बार गंभीर बर्नआउट का कारण बनता है।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना- लंबे समय तक तनाव में रहने से शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति को सर्दी-जुकाम, इन्फेक्शन और अन्य बीमारियां जल्दी-जल्दी होने लगती हैं।
डायबिटीज का खतरा- तनाव शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है।
नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं- तनाव सिरदर्द और माइग्रेन के दौरे को ट्रिगर कर सकता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से दिमाग की संरचना और याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है।
त्वचा और बालों की समस्याएं- तनाव एक्जिमा, सोरायसिस, मुंहासों और चेहरे पर झुर्रियों को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, बालों का झड़ना और सफेद होना भी तनाव से जुड़ा हुआ है।

स्ट्रेस मैनेज करने के लिए क्या करें?
तनाव को पूरी तरह से तो खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज करके एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
नियमित एक्सरसाइज- रोजाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे ब्रिस्क वॉकिंग, दौड़ना, योगा या डांस करना, शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज करता है, जो तनाव को कम करने में बेहद असरदार है।
हेल्दी डाइट और नींद- पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाएं और रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। नींद शरीर और दिमाग की मरम्मत करने का सबसे अच्छा तरीका है।
हॉबीज के लिए वक्त निकालें- अपने पसंदीदा शौक जैसे पढ़ना, गाना सुनना, गार्डनिंग आदि के लिए समय निकालें। दोस्तों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं, अपनी फीलिंग्स शेयर करें।
प्रोफेशनल मदद लें- अगर स्ट्रेस बहुत ज्यादा और कंट्रोल से बाहर लगे, तो किसी थेरेपिस्ट या डॉक्टर से बात करें।

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