धारा खत्म होने से अब इसकी अनुमति ही नहीं दी जा सकेगी। इस फैसले से ग्रामीण इलाकों में पशुओं की कटान नहीं हो सकेगी। अगर किसी धार्मिक प्रयोजन के लिए पशु की स्लाटरिंग जरूरी है तो कमिश्नर के निर्देश में डीएम इसकी अनुमति देंगे। इसके लिए आवश्यक शर्तों का पूरा करना जरूरी होगा।
कैबिनेट फैसला- 2: शराब सिंडीकेट को तोड़ने वाली आबकारी नीति मंजूर
अखिलेश सरकार भी उसी व्यवस्था पर चलती रही। मंत्री ने पुरानी व्यवस्था को क्रोनी कैप्टलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए एक पारदर्शी आबकारी नीति को मंजूरी देते हुए इस स्पेशल जोन और थोक के भाव लाइसेंस देने की व्यवस्था खत्म कर दी है।
एक जिले में अधिकतम दो दुकानें मिलेंगी
नई नीति में अब एक जिले में दो से ज्यादा लाइसेंस किसी को नहीं मिलेगा। शराब की अवैध बिक्री व तस्करी को रोकने के लिए होलोग्राम की व्यवस्था भी समाप्त कर दी गई है। इसके स्थान पर ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू होगा। होलोग्राम हमेशा विवाद और चर्चा का विषय बनता रहा है।
कैबिनेट फैसला- 3: विधानमंडल सत्र आठ फरवरी से, 2018-19 के बजट को मिलेगी मंजूरी
यह प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट हो सकता है। सरकार करीब सवा चार लाख करोड़ रुपये के आकार वाला बजट तैयार कर रही है। 15 या 16 फरवरी को बजट पेश किए जाने की संभावना है। बजट सत्र में पिछले सत्र के बाद लाए गए अध्यादेशों के स्थान पर विधेयक लाने के अलावा कई अन्य नए विधेयक भी लाए जाने की उम्मीद है।
मोदी सरकार की तरह बजट मसौदे की मंजूरी का विचार
बजट से जुड़े दस्तावेजों की छपाई से पहले बजट मसौदे को कैबिनेट से मंजूरी लेने की परंपरा है। कैबिनेट इसकी मंजूरी देने के साथ ही बजट पेश होने से पहले मसौदे में अन्य किसी संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर देती है। इसके बाद वित्त विभाग बजट साहित्य छपाने की कार्यवाही शुरू करता है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद बजट छपाई के लिए करीब 20 दिन की जरूरत होती है। मंगलवार को हुई कैबिनेट में बजट मसौदा लाए जाने की संभावना थी। लेकिन, कैबिनेट में बजट मसौदा नहीं आया। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार केंद्र सरकार की तरह बजट मसौदे को बजट के ही दिन कैबिनेट से मंजूरी लेने की नई परंपरा शुरू करने पर विचार कर रही है। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इस संबंध में कोई बोलने को तैयार नहीं है।
कैबिनेट फैसला- 4: अब मिलों को 12 फीसदी शीरा आरक्षित रखना होगा
पेराई सत्र के दौरान पिछले वर्ष के बचे शीरे का निस्तारण न होने पर इसकी गुणवत्ता में कमी आ जाती है। ऐसे में 2016-17 के आरक्षित शीरे की मात्रा को फ्रीसेल कर मिलों को खुद उपभोग के लिए इस शर्त के साथ बदलाव किया गया है कि मिलें इसकी भरपाई सत्र 2017-18 के अनारक्षित मात्रा के अतिरिक्त करें। आरक्षित शीरे की बिक्री के लिए चीनी मिल के टेंडर के मुकाबले देसी शराब का उत्पादन करने वाली डिस्टलरी से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं होता है तो टेंडर में उल्लिखित आरक्षित शीरे की मात्रा को शीरा नियंत्रक अनारक्षित शीरे में परिवर्तित कर देगा। इससे देसी शराब उत्पादन के लिए 12 फीसदी की मात्रा स्वत: कम हो जाएगी।
प्रशासनिक शुल्क में बदलाव नहीं
शीरा नीति में निर्धारित शीरे पर प्रशासनिक शुल्क की दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। प्रदेश में खपत के लिए 11 रुपये प्रति क्विंटल और निर्यात पर 15 रुपये प्रति क्विंटल प्रशासनिक शुल्क रहेगा। अन्य राज्यों से शीरा आयात पर 11 रुपये प्रति क्विंटल और अन्य देशों से शीरा आयात निर्यात पर 15 रुपये प्रति क्विंटल प्रशासनिक शुल्क देय होगा।
कैबिनेट फैसला- 5: ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में संशोधित एफएआर को मंजूरी
नियमावली में 12 मीटर ऊंचे भवन व बगल के ऊंचे भवन की दूरी 9 मीटर होगी। इसके लिए अग्निशमन विभाग की अनापत्ति अनिवार्य रूप से लेनी होगी। रीक्रिएशनल भवन की परिधि में ही तहखाना बनाना होगा। इसके लिए एक नई व्यवस्था जोड़ी गई है।
इसके तहत दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में वैश्विक फर्शी क्षेत्रीय अनुपात 2.50 व भू-आच्छादन 25 फीसदी रखा गया है। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा की भवन नियमावली में सामान्य तौर पर 1 से 1.25 तक एफएआर स्वीकृत होता है। एफएआर में संशोधन से डीएमआईसी के तहत बनने वाले इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का बिल्डअप एरिया 747 एकड़ से बढ़कर 2000 एकड़ तक हाने की संभावना है।
कैबिनेट फैसला- 6: बीएचयू में खुलेगा वैदिक विज्ञान केंद्र
प्रदेश कैबिनेट ने काशी हिंदू विवि. (बीएचयू) परिसर में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है। सीएम ने पिछले दिनों इसकी घोषणा की थी। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस केंद्र में वैदिक साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान, वैदिक दर्शन, परंपरा जैसे विषयों का अध्ययन-अध्यापन कराया जाएगा। केंद्र की स्थापना के लिए 8 करोड़ 3 तीन लाख 83 हजार रुपये की लागत आएगी। इसका निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) करेगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र की स्थापना से प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय ज्ञान का एक और केंद्र होगा। धर्मार्थ कार्य विभाग यह प्रस्ताव लेकर आया है।
कैबिनेट फैसला- 7: विधानसभा में उप्र सहकारी समिति संशोधन अधिनियम फिर लाएगी सरकार
कैबिनेट फैसला- 8: सचिवालय पुस्तकालय के बेहतर प्रबंधन को नई नीति
कैबिनेट ने सचिवालय प्रलेखीकरण केंद्र और पुस्तकालय सेवा नियमावली-2017 पर भी मुहर लगा दी है। इससे सचिवालय पुस्तकालय के बेहतर प्रबंधन व संचालन के लिए लाइब्रेरी साइंस में डिप्लोमा धारक कर्मी रखे जा सकेंगे। इसके लिए वेतन समिति-2008 व मुख्य सचिव समिति की संस्तुति से सृजित किए गए 23 पदों को खत्म कर 15 तकनीकी दक्षता वाले पद सृजित किए गए हैं। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इससेसचिवालय पुस्तकालय की पांच लाख किताबों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा।
कैबिनेट फैसला- 9: कंसलटेंट नियुक्त करने की नियमावली मंजूर
लखनऊ। सरकारी विभागों में विकास कार्यों के लिए कंसलटेंट के चयन के लिए नियमावली को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब विकास कार्य कराने वाले विभागों को इस नियमावली के मुताबिक ही कंसलटेंट नियुक्त करना होगा।
कैबिनेट फैसला- 10: एक जिला-एक उत्पाद योजना पर भी मुहर
योजना में चयनित उत्पादों से जुड़े उद्यमियों को केंद्र की मुद्रा, स्टार्ट-अप, स्टैंड-अप, प्रधानमंत्री रोजगार योजना व प्रदेश की मुख्यमंत्री रोजगार योजना आदि से सहायता दिलाई जाएगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग इसका संचालन करेगा। उन्होंने बताया कि योजना के बेहतर संचालन के लिए ई-पोर्टल डवलप किया जा रहा है।
कैबिनेट फैसला- 11: होमगार्ड मंडलीय प्रशिक्षण तैनाती बढ़ी
लखनऊ में बन रहे मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र की लागत बढ़ गई है। कार्यदायी संस्था 10 करोड़ रुपये लागत तक ही भवन बना सकती है। जबकि इस भवन की लागत बढ़ाकर 11.40 करोड़ कर दी गई है। सरकार ने संस्था को इस काम के लिए इस सीमा को शिथिल कर दिया है।
कैबिनेट फैसला- 12: औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में भी लागू होगी फेरी नीति
नगर निकायों की तरह औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र के भीतर भी फेरी नीति लागू की जाएगी। प्रदेश कैबिनेट ने इसके लिए यूपी पथ विक्रेता औद्योगिक विकास प्राधिकरणों केक्षेत्र के भीतर (जीविका संरक्षण और प्रथ विक्रय विनियमन) नियमावली-2018 को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत नगर पथ विक्रय समिति के गठन, उसकी प्रक्रिया और प्राविधानों की व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास की भूमिका तथा अपराधों के शमन की भूमिका व इससे जुड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं। इससे स्ट्रीट वेंडर के लिए स्थान तय करने, परिचय-पत्र देने और साफ-सफाई की व्यवस्था के प्रावधान हैं।