प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य और कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला (KAS) के प्रबंध न्यासी डॉ पी के वारियर का आज देहांत हो गया है। परिवार के लोगों ने उनके निधन की जानकारी दी है। वारियर 100 वर्ष के थे। KAS के सूत्रों ने जानकारी दी है कि वारियर ने शनिवार दोपहर में अंतिम सांस ली। एक सदी के अपने जीवनकाल में उन्होंने पूरे विश्व के हजारों रोगियों का उपचार किया और उनसे इलाज कराने वालों में भारत और दूसरे देशों के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व पीएम भी शामिल थे।
केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान, सीएम पिनराई विजयन और विधानसभा स्पीकर एम बी राजेश ने वारियर के निधन पर शोक प्रकट किया है। गवर्नर ने कहा कि, ”एक चिकित्सक के रूप में, वह आयुर्वेद की वैज्ञानिक खोज के लिए प्रतिबद्ध थे। वारियर को आयुर्वेद के आधुनिकीकरण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए सदैव याद किया जाएगा। एक मानवतावादी के रूप में, उन्होंने समाज में सभी लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और सम्मानित जीवन की कल्पना की थी।”
सीएम विजयन ने कहा कि वारियर ने आयुर्वेद को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और उनकी कोशिशों के कारण ही आज चिकित्सा के इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है। वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि, ”हमने आयुर्वेद के पितामह को खो दिया है।” कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने भी वारियर के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि आयुर्वेद की महानता को विश्व के सामने लाने वाले चिकित्सक के रूप में उनका नाम हमेशा याद किया जाएगा।
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