लखनऊ , 30 दिसम्बर काकोरी के दुबग्गा इलाके में स्थित एक कोयले के गोदाम ने गुरुवार की देर रात अचानक आग लग गयी। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। तीन घंटे के मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया पर अचानक गोदाम का पीलर
छत सहित ढह गया। मलबे के नीचे दबने से एक मजदूर की मौत हो गयी,जबकि तीन अन्य मजदूर घायल हो गये। सभी घायलों को पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।

एसओ काकोरी शशिकांत यादव ने बताया कि दुबग्गा निवासी इस्लामुद्दीन का विशाल विहार इलाके में कोयले का एक गोदाम है। बताया जाता है कि गुरुवार की रात करीब 3 बजे एक ट्रक कोयला लेकर गोदाम पहुंचा। गोदाम में मौजूद मजदूरों ने कोयले को ट्रक से उतारा और अंदर पहुंचाया। इसके बाद रात करीब 3 बजे अचानक कोयले के गोदाम में आग लग गयी। गोदाम से धुंआ निकलता देख आसपास के रहने वाले लोग वहां पहुंच गये और मदद के लिए शोर मचा दिया। शोर होते ही गांव के बाकी लोग भी पहुंच गये। लोगों ने गोदाम में लगी आग को
बुझाने की कोशिश की पर आग कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर चुकी थी।
लोगों की सूचना पर काकोरी पुलिस व चौक फायर स्टेशन से दमकल की तीन गाडिय़ां मौके पर पहुंच गयीं। दमकल कर्मियों ने आग बुझाने का काम शुरू किया। सुबह करीब 6 बजे दमकल कर्मियों ने किसी तरह आग पर पूरी तरह काबू पालिया। इसके बाद गोदाम के चार मजदूर अंदर रखा अपना सामान निकालने के लिए पहुंचे तो अचानक ही गोदाम के पिछले हिस्से में बना पीलर छत सहित ढह गया। मलबे के नीचे चारों मजदूर दब गये। छत ढहते ही वहां अफरा-तफरी मच गयी। मलबा इतना ज्यादा था कि उसके नीचे दबे मजदूर दिख नहीं रहे थे। पुलिस ने फौरन ही मलबे को हटाने के लिए जेसीबी को बुलाया। इसके बाद जेसीबी की मदद से मलबे को हटाया गया, पर तब तक एक मजदूर हरदोई निवासी 36 वर्षीय गौतम की मौत हो चुकी थी।
मलबे के नीचे दबने से उन्नाव निवासी रामबालक रावत व सीतापुर निवासी बलराम गुप्ता बुरी तरह घायल हो गये। पुलिस ने उनको इलाज
के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं पुलिस ने छानबीन के बाद मारे गये मजदूर गौतम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और सूचना उसके परिवार वालों को दी। शुक्रवार की दोपहर तक दमकल की एक गाड़ी मौके पर मौजूद रही। क्योंकि गोदाम में रखा कोयला रह-रह कर सुलग रहा था। आग लगने ही यह हो सकती हैं वजह एफसओ चौक ने बताया कि कोयले के गोदाम में लाइट नहीं थी। ऐसे में शार्ट सर्किट से आग लगने की बात ही नहीं उठती है। उन्होंने बताया कि गोदाम में आग दो कारणों से लग सकती है, पहली यह कि शायद किसी कर्मचारी ने आग तापने के लिए गोदाम के अंदर कोयला चलाया और फिर उसी से आग लग गयी। दूसरी यह कि किसी कर्मचारी ने जलती हुई बीड़ी, सिगरेट या फिर माचीस की तीली फेंकी और फिर गोदाम में आग लगी। इन दोनों कारणों के अलावा तीसरा कोई कारण नहीं हो
सकता है।
मानक के विपरित चल रहा था गोदाम विशाल विहार में बना कोयले का गोदाम मानक के विपरित संचालित हो रहा था। गोदाम में आग से निपटने के लिए न तो कोई उपकरण था और न ही पानी का कोई बंदोबस्त था। दमकल कर्मियों को पानी लेने के लिए बार-बार चरका व एरा
अस्पताल लाना पड़ रहा था। स्थानीय लोगों का भी यही कहना है कि कोयला का गोदाम बिना किसी अनुमति के चल रहा था।
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