विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जुलाई-अगस्त में कोरोना संक्रमण की तेजी से फैलने की चेतावनी दी थी. हालांकि, इसके बाद से मार्च माह से लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार के पास तैयारी का पर्याप्त वक्त था लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया . इसका नतीजा हम आज भुगत रहे हैं. जो कार्य पहले किया जाना था, वह काम अब हालात बेकाबू होने के बाद हो रहा है. दरअसल ये बात नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या ने कही है.
बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी सेंटर में स्थापित कोरोना केयर सेंटर का दौरा करने के दौरान मंगलवार को उन्होंने बोला कि प्रदेश सरकार की नींद अभी टूटी है. जो काम अप्रैल मई में किया जाना था वह जुलाई माह में किया जा रहा है. उन्होंने आगे बोला कि यहां भारत का सबसे बड़ा कोविड चिकित्सा केंद्र होने का दावा किया जा रहा है.
लेकिन अभी तक उपचार का जरुरी ढांचा ही नहीं है. इतने बड़े सेण्टर के लिए डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स सहित अलग अलग कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. ये भी बताया जा रहा है कि इस सेण्टर में शुक्रवार से पंजीकरण प्रारम्भ किया जाएगा. इस सेण्टर में शौचालयों की योजना सहीं नहीं है. शौचालय काफी दूर होने के वजह से वरिष्ठ जनों को काफी दिक्कते होगी. उन्होंने आगे बोला कि प्रदेश सरकार के तमाम दावों के बाद भी मरीजों का एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल का चक्कर लगाना अभी तक थमा नहीं है. सेण्टर तक पहुंचने के लिए आज भी रोगी-वाहन का लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ रहा है.
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