बैंकों से हजारों करोड़ रुपये लेकर ब्रिटेन भागे शराबी कारोबारी विजय माल्या को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घोषित अपराधी करार देने की मांग की है. ईडी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फेरा उल्लंघन मामले में माल्या पर समन से बचने का आरोप लगाया, जिस पर कोर्ट ने उन्हें 18 दिल्ली तक पेश होने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर वह हाजिर नहीं होते, तो उन्हें घोषित अपराधी करार दे दिया जाएगा.अभी-अभी: BJP ने घोषित किए दो और मेयर प्रत्याशी, ये हैं सभी 16 नगर निगमों के उम्मीदवार
बता दें कि कोर्ट ने बीती 9 जुलाई को अदालत ने माल्या को व्यक्तिगत पेशी से प्राप्त छूट रद्द कर दी थी और उन्हें 9 सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. तब माल्या के वकील ने दलील दी थी कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन अपने नेक इरादों के बावजूद वह ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है.
इस पर कोर्ट ने सख्त रुख एखतियार करते हुए कहा था कि माल्या की इसे बदनियती से दाखिल की गई याचिका बताया. कोर्ट ने इसे कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करना करार दिया. माल्या के खिलाफ पिछले साल चार नवंबर को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अदालत ने कहा था कि ऐसा लगता है माल्या का वापस लौटने का कोई इरादा नहीं है और कानून के प्रति भी उनके मन में नाममात्र ही सम्मान है.
कोर्ट ने कहा था कि माल्या कई मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं और उन मामलों में पेश भी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ अनिवार्य प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है.
बता दें कि विजय माल्या भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार हैं और अब लंदन में रह रहे हैं. अप्रैल में पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली की एक कोर्ट ने माल्या के खिलाफ एक गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, मगर कोर्इ समय सीमा तय नहीं की थी.