साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज बलात्कार मामले के सभी चार आरोपियों की पुलिस रिमांड को और तीन दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इससे पहले गिरफ्तारी के बाद से ये आरोपी 39 दिनों से पुलिस हिरासत में हैं।
दरअसल, इस मामले के मुख्य आरोपी कॉलेज के पूर्व छात्र और संविदा कर्मचारी मोनोजीत मिश्रा और उसके साथ दो संदिग्ध साथी प्रमित मुखोपाध्याय और जैब अहमद तथा परिसर के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को अलीपुर कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सरकार ने 8 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
तीन दिन बढ़ी आरोपियों की पुलिस रिमांड
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को ये आदेश जारी किया गया। इस आदेश के मुताबिक, 8 अगस्त तक इन आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाई गई है। बता दें कि सबसे पहले आरोपियों को 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया था, जिसके बाद उन्हें 28 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अलीपुर कोर्ट में कोलकाता पुलिस के मुख्य लोक अभियोजक सौरिन घोषाल ने बताया कि पहले के सीआरपीसी अधिनियम की धारा 167 के प्रावधानों के तहत, गिरफ्तारी के पहले 15 दिनों के भीतर पुलिस रिमांड के लिए प्रार्थना करनी होती थी।
उन्होंने आगे कहा कि अब यह प्रावधान नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत बदल गया है, जिसने 1 जुलाई, 2024 को सीआरपीसी का स्थान ले लिया। बीएनएसएस अब पुलिस को बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए गिरफ्तारी के पहले 60 दिनों के भीतर कभी भी रिमांड के लिए प्रार्थना करने का अधिकार देता है।
‘बयान नहीं खा रहे मेल’
उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों द्वारा दिया गया बयान कई जगहों पर मेल नहीं खा रहा है। आरोपियों से पूछताछ जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में आरोपियों से नए सिरे से पूछताछ करने की ज़रूरत है और ज़रूरत पड़ने पर कथित अपराध की तह तक पहुँचने के लिए उन्हें आमने-सामने बैठाया जा सकता है।
25 जून को आरोपियों ने घटना को दिया अंजाम
गौरतलब है कि 25 जून शाम 7.30 बजे से 10.30 बजे के बीच बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया था। तीनों आरोपियों को 26 और 27 जून की रात में गिरफ्तार किया गया था। बाद में अलीपुर कोर्ट ने आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
वहीं, इसके एक दिन बाद कथित अपराध के समय परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया और उसे हिरासत में भेज दिया गया।
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