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कौन हैं लेक्स फ्रीडमैन: जिनका PM मोदी के साथ आज रिलीज होगा पॉडकास्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के जानेमाने पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ लंबी बातचीत की है। इस पॉडकास्ट का प्रसारण रविवार 16 मार्च को शाम 5:30 बजे होगा। इसमें पीएम मोदी की बचपन से लेकर सार्वजनिक जीवन की यात्रा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है। पीएम मोदी ने खुद सोशल मीडिया पोस्ट में इस बातचीत की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, पीएम ने लिखा, लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत वास्तव में शानदार रही। इसमें मेरे बचपन की यादों, हिमालय में बिताए गए समय और सार्वजनिक जीवन की यात्रा सहित विविध विषयों पर चर्चा हुई। आप भी इस संवाद का हिस्सा बने।

लेक्स फ्रीडमैन के पास Phd, गूगल-MIT में काम का अनुभव
अमेरिका और पश्चिमी देशों में अपने पॉडकास्ट्स से नाम कमा चुके लेक्स फ्रीडमैन का जन्म सोवियत संघ का हिस्सा रहे ताजिक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक में एक यहूदी परिवार में हुआ। उनका असल नाम एलेक्सई एलेक्सान्ड्रोविच फ्रीडमैन है। उनका शुरुआती जीवन रूस की राजधानी मॉस्को में गुजरा। हालांकि, जब वह 11 साल के थे, तभी सोवियत संघ के पतन की वजह से उनका परिवार अमेरिका के शिकागो में आकर बस गया। यहां उन्होंने इलिनॉय के एक स्कूल में पढ़ाई की और फिर ड्रेक्जेल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की। 2014 में फ्रीडमैन ने ड्रेक्जेल से ही इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की।

उनके पिता एलेक्जेंडर फ्रीडमैन ड्रेक्जेल यूनिवर्सिटी में प्लाज्मा फीजिसिस्ट और प्रोफेसर रहे हैं। इसके अलावा उनके भाई ग्रेगरी फ्रीडमैन भी ड्रेक्जेल में ही प्रोफेसर हैं। कुछ समय पहले ही लेक्स ने एक पोस्ट में बताया था कि उनके माता-पिता का जन्म यूक्रेन में हुआ, जबकि उनका जन्म ताजिकिस्तान में हुआ। वह रशियन और अंग्रेजी दोनों ही अच्छे से बोल लेते हैं।

लेक्स फ्रीडमैन 2014 में पीएचडी के दौरान गूगल का हिस्सा बने थे। हालांकि, छह महीने में ही उन्होंने कंपनी छोड़ दी। इसके बाद 2015 में उन्होंने दुनिया के टॉप तकनीक संस्थान- मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के एजलैब में काम शुरू किया। यहां उन्होंने साइकोलॉजी और बिग डाटा के क्षेत्र में काम किया। बताया जाता है कि एमआईटी में काम करने के दौरान 2019 में फ्रीडमैन ने टेस्ला के ऑटो पायलट सिस्टम को लेकर एक स्टडी प्रकाशित की थी, जिसने कंपनी के संस्थापक एलन मस्क का ध्यान भी आकर्षित किया था।

लेक्स फ्रीडमैन 2014 में पीएचडी के दौरान गूगल का हिस्सा बने थे। हालांकि, छह महीने में ही उन्होंने कंपनी छोड़ दी। इसके बाद 2015 में उन्होंने दुनिया के टॉप तकनीक संस्थान- मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के एजलैब में काम शुरू किया। यहां उन्होंने साइकोलॉजी और बिग डाटा के क्षेत्र में काम किया। बताया जाता है कि एमआईटी में काम करने के दौरान 2019 में फ्रीडमैन ने टेस्ला के ऑटो पायलट सिस्टम को लेकर एक स्टडी प्रकाशित की थी, जिसने कंपनी के संस्थापक एलन मस्क का ध्यान भी आकर्षित किया था।

मस्क ने इस स्टडी की तारीफ की थी और फ्रीडमैन को पॉडकास्ट में इंटरव्यू के लिए अपने दफ्तर में बुलाया था। हालांकि, तब इस स्टडी की बाकी रिसर्चर्स ने आलोचना की थी और इसकी अन्य रिसर्चर्स से समीक्षा कराने की मांग की थी। फ्रीडमैन की तरफ से लिए गए मस्क के इंटरव्यू उनके पॉडकास्ट को भरपूर लोकप्रियता मिली। लेकिन कुछ समय बाद ही एमआईटी ने उनक स्टडी को अपनी वेबसाइट से हटा दिया। इसके बाद फ्रीडमैन ने अपने अकादमिक करियर की तरफ मुड़कर नहीं देखा और पॉडकास्टिंग को ही पेशा बना लिया।

कैसा रहा है लेक्स का पॉडकास्टर के तौर पर करियर?
लेक्स फ्रीडमैन ने अपने पॉडकास्ट की शुरुआत एमआईटी में काम करने के दौरान 2018 में ही कर दी थी। उन्होंने इसका नाम ‘द आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पॉडकास्ट’ रखा था। 2019 में मस्क के इंटरव्यू से लोकप्रियता मिलने के बाद उन्होंने इस शो का नाम ‘लेक्स फ्रीडमैन पॉडकास्ट’ कर लिया।

पीएम मोदी के साथ इंटरव्यू की कहानी क्या?
लेक्स फ्रीडमैन ने 19 जनवरी को एक्स पर एक पोस्ट में एलान किया था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू करने के लिए भारत की यात्रा पर जा रहे हैं। उन्होंने बताया था कि वह लेक्स फ्रीडमैन पॉडकास्ट के लिए पीएम मोदी का साक्षात्कर करेंगे। लेक्स ने आगे लिखा था, “मैं कभी भारत नहीं गया, लेकिन आखिरकार वहां की ऐतिहासिक और आकर्षक संस्कृति के कई पहलुओं का अनुभव लेने के लिए मैं काफी उत्साह में हूं।”

अमेरिकी पॉडकास्टर के साथ इंटरव्यू के साथ ही यह दूसरी बार होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी किसी पॉडकास्ट शो का हिस्सा बनेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने जनवरी में जीरोधा के संस्थापक निखिल कामत के पॉडकास्ट में शिरकत की थी। इसमें पीएम मोदी ने अपने जीवन से लेकर भारत के भविष्य तक पर बात की थी।

हालांकि, लेक्स फ्रीडमैन पॉडकास्ट के अब तक के इतिहास को देखा जाए तो इसमें पीएम मोदी से डिजिटल और एआई के पक्ष पर ज्यादा बात होने की संभावना है। मसलन डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत की तरफ से उठाए जा रहे कदमों को लेकर कई नई बातें सामने आ सकती हैं।

विवादों से भी जुड़ा रहा है पॉडकास्ट का नाता
लेक्स फ्रीडमैन पॉडकास्ट की दुनिया में चर्चित नाम जरूर हैं, लेकिन विवादों से उनका नाता भी जुड़ा रहा है। दरअसल, फ्रीडमैन पर आरोप लग चुके हैं कि वह अपने पॉडकास्ट में मेहमानों से को उलझाने की कोशिश जरूर करते हैं, लेकिन उनसे कठिन सवाल नहीं पूछते। द अटलांटिक में छपे एक लेख में पत्रकार हेलेन लुइस ने उनकी आलोचना की थी और कहा था कि फ्रीडमैन ने ट्रंप को 2024 के इंटरव्यू में झूठ बोलने की छूट दी और उनके दावों को चुनौती भी नहीं दी।

इसी तरह 2023 में जब फ्रीडमैन ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का इंटरव्यू लिया था, तब इस्राइल के अखबार हारेत्ज ने कहा था कि फ्रीडमैन नेतन्याहू के गलत दावों को चुनौती देने में नाकाम रहे। 2024 में ब्लूमबर्ग में छपे एक लेख में एलेन ह्यूट ने फ्रीडमैन के पॉडकास्ट पर निशाना साधते हुए कहा था कि टेक सीईओ पत्रकारों की जगह अब दोस्ताना विकल्पों को इंटरव्यू के लिए तलाशने लगे हैं।

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