अगर आप हर रोज एक ही तरह का मुरब्बा खायेंगे तो आपका मन भी इससे हक़ जायेगा। ऐसे में आप के लिए एक अनोखा मुरब्बा है तरबूज का मुरब्बा। तरबूज के छिलके के गूदे से सब्जी या जैम तो बनती ही है, इससे बना हुआ मुरब्बा बहुत स्वादिष्ट और ठंडक पहुंचाने वाला होता है. इस मुरब्बे को हम फ्रूट क्रीम, आइसक्रीम, कुल्फी में भी डाल कर खा सकते है।जानिए..भिंडी खाने से होते हैं 7 कमाल के फायदे..
सामग्रीः
तरबूज के मोटे छिलके – 1.5 कि.ग्रा तरबूज से निकाले गये चीनी – 1 कप ( 200 ग्राम) छोटी इलाइची – 4 छील कर पाउडर बना लीजिये जायफल पाउडर – 1-2 चुटकी विधि – तरबूज के मोटे छिलके को छील लीजिये, डार्क ग्रीन सख्त छिलका छील कर हटा दीजिये, सारे छिलके छील लीजिये और 1 -1 इंच के टुकड़े काट कर तैयार कर लीजिये।
तैयार करने की विधि :
तरबूज के छिलके को ब्लांच कर लीजिये, किसी बर्तन में इतना पानी भर कर गरम करने रखिये कि तरबूजे के छिलके उसमें आसानी से डूब जाएं। पानी में उबाल आने पर तरबूज के टुकड़े पानी में डाल दीजिये, और ढ़ककर 5 मिनिट तक उबलने दीजिये, गैस बन्द कर दीजिये और तरबूज के टुकड़े पानी से निकाल लीजिये। एक बर्तन में तरबूज के ब्लांच किए हुए टुकड़े डालिये, उनके ऊपर चीनी डाल दीजिये और ढककर 2 घंटे के लिए रख दीजिए। चीनी तरबूज के पानी में घुल कर रस बना लेती है, अब इन तरबूज के टुकड़ों को चीनी के रस में धीमी आग पर पकने के लिये रख दीजिये।
इलाइची पाउडर और जायफल डालकर मिला दीजिये और चाशनी को गाड़ा होने तक पका लीजिये। चाशनी को चैक कर लीजिये 1-2 बूंद चाशनी किसी प्लेट में गिराइये और ठंडी होने पर उंगली और उंगूठे के बीच चिपका कर देखिये, चाशनी में तार बनने लगता है, तब चाशनी बन गई है, गैस बन्द कर दीजिये। यदि चाशनी में तार नहीं बन रहा है तब मुरब्बे को थोड़ा और पकाइये।
मुरब्बे को इसी चाशनी में रहने दीजिये, रोजाना दिन में एक बार चमचे से चलाकर ऊपर नीचे कर दीजिये, 2-3 दिन बाद चाशनी को फिर से चैक कर लीजिये, अगर चाशनी पतली लग रही है तब मुरब्बा को चाशनी गाढ़ी होने तक फिर से पका लीजिये. तरबूज के छिलके का मुरब्बा बन कर तैयार है।
अगर आप केन्डी बनाना चाहते हैं, तब अतिरिक्त चाशनी को छान लीजिये और तरबूज के टुकड़े छलनी में अलग अलग टुकड़े करते हुये रखे रहने दीजिये, 8-10 घंटे में हल्के से खुश्क हो जायेंगे, तरबूज के छिलके की केन्डी बन कर तैयार हो जायेगी। सुझाव मुरब्बा में फ्लेवर के लिये इलाइची पाउडर और जायफल का प्रयोग किया है, दाल चीनी, जावित्री, केसर या वनीला एसेन्स किसी को भी अपनी पसन्द के अनुसार फ्लेवर के लिये ले सकते हैं।इस तरह से आप तरबूज का मुरब्बा बना सकते है और यह सेहत के लिए भी लाभदायक है।