शहतूत की पत्तियांकश्मीरी जीरे के सेवन से इन बीमारियों में होता है बहुत लाभ, जानिए कैसे…
मधुमेह नियंत्रण करना चाहते हैं तो शहतूत की पत्ती का इस्तेमाल करें। अब तक केवल शहतूत का इस्तेमाल सिल्क बनाने के लिए जाना जाता था। लेकिन बहुत कम लोगों को ही मालुम है कि शहतूत की पत्ती खाने से खून में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाती है। जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।
दरअसल शहतूत की पत्तियों में एकरबोस नाम का एक कम्पोनेंट होता है जो खाना खाने के बाद शरीर में बनने वाले शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके अलावा शहतूत की पत्तियां कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी मेंटेन करने में सहायक होती हैं।
इस तरह से करें इस्तेमाल
- डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए रोजाना थोड़ी मात्रा में शहतूत की पत्तियों का इस्तेमाल करें।
- सब्जी में डालकर खाएं या सलाद में खाएं।
- अगर आप इसे सब्जी या सलाद में नहीं खा सकते हैं तो दिन में एक बार मुंह में रख लें।
- रोजाना किसी भी वक्त पत्तियां खाएं।
साथ में खाएं शहतूत भी
शहतूत की पत्तियों के साथ अगर आप शहतूत भी खाते हैं तो इससे आपको कई सारे फायदे हो सकते हैं। एक उम्र के बाद रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज शरीर से निकल नहीं पाते। सरल शब्दों में कहें तो एक उम्र के बाद शरीर में खुद को स्वस्थ रखने का स्टेमिना कम हो जाता है और शरीर से प्रदूषित पदार्थों को वे अपनेआप निकाल भी नहीं पाता है। जिसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने के खतरे भी बढ़ जाते हैं। भविष्य की इस बीमारी की संभावना से बचने के लिए उचित मात्रा में शहतूत खाएं। शहतूत से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स बनते हैं जो रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज को कंट्रोल में रखते हैं। कई शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि अगर आप 2.5 से 5 ग्राम शहतूत की पत्तियों का सेवन भी करते हैं तो 30 मिनट पहले ली गई शुगर को भी पूरी तरह नियंत्रित कर लेती है।