क्रिकेट के मैदान पर अनहोनी को होनी में तब्दील करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने अचानक से टीम इंडिया की टी-20 और वनडे टीम की कप्तानी से अचानक छोड़कर सबको चौंका दिया। लेकिन धोनी के अचानक ऐसा फैसला लेने के कारणों की समीक्षा हो रही है। धोनी के बीसीसीआई को भेजे गए मेल के लीक होने के बाद उनके इस्तीफे के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। कहा जा रहा है कि धोनी पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बनाया गय। धोनी ने जो मेल बीसीसीआई को भेजा उसके शब्द तो कुछ ऐसा ही बयां करते हैं।
धोनी ने अपने इस्तीफे का जो मेल भेजा था। उसमें उन्होंने लिखा “मैं भारत के वनडे कप्तान के पद से अपना इस्तीफा देता हूं और विराट कोहली का मेंटर बनने के लिए राजी हूं।” इसका मतलब यह हुआ कि धोनी ने अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि किसी के कहने पर कप्तानी छोड़ी है। इसलिए उन्होने यह लिखा कि वह विराट को मेंटर करने के लिए राजी हैं। इसका मतलब उन्होंने अपने सामने रखी गई शर्तों पर राजी थे।
भारत दौरे पर जीत के लिए यह फॉर्मूला अपनाएगी ऑस्ट्रेलियाई टीम
स्पॉट फिक्सिंग मामले से लेकर लोढा समिति की अनुशंसाओं तक बीसीसीआई की अकेले दम पर जड़ें हिलाने वाले बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आदित्य वर्मा ने आरोप लगाया है कि बीसीसीआई के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी के दबाव में धोनी ने वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ी है। वर्मा ने यह भी दावा किया है कि चौधरी के कहने के बावजूद धोनी ने गुजरात के खिलाफ रणजी सेमीफाइनल खेलने से इंकार कर दिया था।
इतिहास रचने गई पाकिस्तान का ऑस्ट्रेलिया ने किया सूपड़ा साफ
आदित्य वर्मा का मानना है कि झारखंड क्रिकेट संघ ने रणजी सेमीफाइनल झारखंड की हार का का ठीकरा धोनी के सिर पर फोड़ दिया। क्योंकि झारखंड की टीम धोनी के मार्गदर्शन में खेल रही थी। धोनी के सेमीफाइनल नहीं खेलने और टीम के हारने के बाद जेसीए अध्यक्ष अमिताभ चौधरी धोनी से और नाराज हो गए। उन्होंने मुख्यचयन कर्ता एमएसके प्रसाद के माध्यम से यह पुछवा लिया कि धोनी की भविष्य की योजना क्या है? इसके बाद धोनी दबाव में आ गए और कप्तानी से तुरंत इस्तीफा दे दिया।
अब आदित्य वर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि यदि झारखंड की सेमीफाइनल में हार धोनी के इस्तीफे का कारण है तो धोनी ने हार के तत्काल बाद इस्तीफा क्यों नहीं दिया। वर्मा ने धोनी के वनडे और टी-20 कप्तानी छोड़ने की जांच कराने की मांग कर दी।