क्या आप जानते हैं आपकी जीभ का रंग बताती है आपकी बीमारी !
सबकी पाचन शक्ति अलग-अलग होती है। ऐसा हो सकता है कि आप जो खाते हैं वो आपको पचता ना हो इसलिए कोशिश करें वह खाना खाए जिसे आप पचा सकें। जैसे कुछ लोगों को लैक्टोज वाले खाने से पेट में दर्द, ऐठन, सूजन और दस्त हो जाते हैं। इनसे बचने का आसान तरीका इन्हें ना खाया जाए।
गैस की समस्या को लोग आमतौर पर हल्के में ले लेते हैं जो कि वास्तव में बहुत खतरनाक हो सकता है। यह दर्द छाती और ऊपरी पेट के बीच में होता है। इसका कारण वसायुक्त भोजन,ज्यादा भूखा रहना, तेज मिर्च मसाले वाला खाना हो सकता है। इन्हें खाने से पेट में एसिड की मात्रा अधिक हाे जाती है। इससे पेट में गैस और पेट फूलने की प्रॉब्लम हो जाती है। इस परेश्ाानी से छुटकारा पाने के लिए त्रिफला, खाने का सोडा, नींबू व काला नमक का रस ले सकते हैं।
अल्सर
इसके अलावा तनाव भी अल्सर का बड़ा कारण है। क्योंकि इससे एसिड ज्यादा बनता है। इससे बचने के लिए मिर्च-मसालेदार आैर फास्टफूड का सेवन न करें। खाना आराम से और समय पर खाएं।
अल्सर होने के बाद चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, जंक फूड एकदम छोड़ दें। स्मोकिंग से परहेज करें। इसके अलावा तनावमुक्त रहने की कोशिश करें और व्यायाम को जिंदगी का हिस्सा बनाएं। दर्द या बुखार होने पर ज्यादा दवाओं का सेवन न करें।
फूड एलर्जी से हमारे इम्यून सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है। जो खाना आप के शरीर को जचता नहीं, उसे नहीं खाना चाहिए। जैसे मूंगफली, तिल, गेहूं, सोया, दूध, मछली अगर इनमें से किसी को भी आप खाते हैं तो पेट दर्द, जीभ, होंठ या गले की सूजन, सीने में दर्द ,घरघराहट / सांस की तकलीफ, रक्तचाप गिरने आदि महसूस किया जा सकता है।
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फूड पॉयजनिंग तब होता है जब आप खाने में कच्चे भोजन, दूषित पानी व अधपका मांस-अंडा, कच्ची सब्जियों, फलों, जूस, क्रीम दूध, आदि खा लेते हैं। अगर आप इन सभी को अच्छे से पका कर खाते हैं तो इससे होने वाली परेशानियों जैसे ऐंठन, उल्टी, दस्त, डायरिया, और बुखार आदि से बचा जा सकता है।