क्या पुरानी चोट बन सकती है बोन कैंसर का कारण?

Cancer के कई प्रकार होते हैं जो दुनियाभर में कई लोगों को प्रभावित करते हैं। Bone Cancer इसका ऐसा ही एक प्रकार है जो आमतौर पर किशोरों और वयस्कों में ज्यादा देखने को मिलता है। इस बीमारी के सही इलाज के लिए सटीक जानकारी होना जरूरी है। हालांकि इससे जुड़े मिथक अक्सर इसे और भी ज्यादा बदतर बना देते हैं। जानते हैं इससे जुड़े आम मिथक और उनकी सच्चाई।

कैंसर (Cancer) एक गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में चिंता का विषय बनी हुई है। यह किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है और कई मामलों में जानलेवा साबित हो सकती है। इस बीमारी के कई प्रकार होते हैं, जो शरीर के अलग-अलग अंगों में होने की वजह से उन्हीं के नाम से जाना जाता है। हड्डी का कैंसर यानी Bone Cancer इन्हीं में से एक है, इस खतरनाक बीमारी का एक गंभीर प्रकार है।

हड्डी का कैंसर गंभीर दर्द की वजह बन सकता है और आपके रोजमर्रा के काम को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए बोन कैंसर से जुड़ी सटीक जानकारी होना महत्वपूर्ण है। अक्सर किसी बीमारी से जुड़े मिथक ज्यादा हानिकारक साबित होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे एचसीजी कैंसर सेंटर बोरीवली, मुंबई में रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. त्रिनंजन बसु के बताए Bone Cancer से जुड़े कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में-

मिथक 1- हड्डी का कैंसर सिर्फ बच्चों को प्रभावित करता है।

सच्चाई- यह धारणा पूरी तरह से गलत है। अन्य कैंसर की ही तरह हड्डी का कैंसर भी किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। आमतौर यह कैंसर किशोरों और वयस्कों में ज्यादा आम है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

मिथक 2: उभार या गांठ का मतलब हमेशा हड्डी का कैंसर ही होता है।

सच्चाई- यह भी एक मिथक है। हड्डी में दर्द और गांठ के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें फ्रैक्चर, संक्रमण और बेनाइन ट्यूमर (benign tumors) आदि शामिल हैं। हालांकि, अगर कोई गांठ या दर्द कई हफ्तों तक बना रहता है, तो बिना लापरवाही किए डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।

मिथक 3: कोई पुरानी चोट हड्डी के कैंसर का कारण बनती है।

सच्चाई- यह पूरी तरह से सच नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि भले ही चोटें कभी-कभी हड्डी को नुकसान पहुंचा सकती हैं, लेकिन वे सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं बनती हैं।

मिथक 4: बोन कैंसर का एकमात्र इलाज अंग-विच्छेद है।

सच्चाई- अंग-विच्छेद को सिर्फ तभी आखिरी उपाय माना जाता है,जब ट्यूमर बहुत बड़ा हो, गंभीर हिस्से में हो या जब अन्य तरह के इलाज को कोई अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही हो। रेडिएशन थेरेपी जैसी मॉर्डन मेडिकल सर्जरी पहले ट्यूमर को छोटा कर देती है या सर्जरी के बाद बची हुए कैंसर सेल्स को नष्ट कर देती है। ब्रैकीथेरेपी में ट्यूमर में सुइयां डालकर, उसे निकालना और फिर हाई डोज रेडिएशन दी जाती है। वहीं, ईसीआरटी (एक्स्ट्राकोर्पोरियल रेडियोथेरेपी) की मदद से भी हड्डी के ट्यूमर को हटा सकते हैं।

मिथक 5: हड्डी के कैंसर को रोकने का कोई तरीका नहीं है।

सच्चाई- यह भी पूरी तरह सच नहीं है। हालांकि इसकी गारंटी नहीं है, लेकिन संतुलित आहार और एक्सरसाइज की मदद से आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो कर सकते हैं, जो काफी हद से कई तरह के कैंसर का खतरा कम करती है। साथ ही जेनेटिक टेस्टिंग की मदद से हाई रिस्क वाले लोगों की पहचान की जा सकती है।

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