क्या बीजेपी उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय के चुनावों में अपनी जीत को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर ही है? क्या ये जीत ईवीएम में हेराफेरी करके हुई है और क्या यूपी में बीजेपी के प्रमुख नेताओं के अपने गढ़ में बीजेपी के तमाम प्रत्याशी चुनाव हार गए हैं? ये सवाल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने उठाए हैं.
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रामगोपाल यादव ने उठाए सवाल
रामगोपाल ने मंगलवार को दिल्ली में बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके स्थानीय निकाय चुनाव के बाद जीत का बिगुल बजा रही बीजेपी के दावों की हवा निकालने के लिए कई सवाल उठाए. रामगोपाल ने कहा कि भले ही बीजेपी 16 में से 14 जगहों पर मेयरका चुनाव जीत गई हो, लेकिन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के 198 पदों में से बीजेपी 130 जगहों पर चुनाव हार गई और सिर्फ 68 जगहों पर जीत पाई.
नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन
इसी तरह नगर पंचायत अध्यक्ष के 438 पदों पर हुए चुनाव में बीजेपी 338 सीटों पर हार गई और सिर्फ 100 सीटें जीत पाई. नगर पालिका परिषद के सदस्यों के लिए 5261 पदों पर चुनाव हुए जिनमें बीजेपी 4347 पदों पर हार गई और सिर्फ 914 जगहों पर जीत पाई.
पीएम के संसदीय क्षेत्र में BJP का हाल
प्रधानमंत्री के अपने चुनाव क्षेत्र बनारस में मेयर तो बीजेपी का जीता, लेकिन दो नगर पालिका- गंगापुर और रामनगर में बीजेपी हार गई. बनारस नगर निगम में 90 पार्षदों के चुनाव में भी बीजेपी 56 सीटें हारी और सिर्फ 36 सीटों पर जीत हासिल कर सकी.
घट गया बीजेपी का वोट प्रतिशत
कुछ ही महीनों पहले विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को 43 प्रतिशत वोट मिले थे, जो अब घट कर 30 फीसदी के नीचे आ गया है. रामगोपाल यादव ने दावा किया कि ज्यादातर उन जगहों पर ही बीजेपी की जीत हुई है, जहां चुनाव ईवीएम मशीन से हुआ. जहां भी बैलेट पेपर पर चुनाव हुए वहां बीजेपी बड़ी मुश्किल से ही चुनाव जीत पाई. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कई जगहों पर ईवीएम मशीन में हेराफेरी की शिकायत मिली है, उसे देखते हुए चुनाव आयोग को इनके इस्तेमाल के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए.
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