क्या सर्दी-जुकाम में दही खा सकते हैं? जानें

सर्दी-जुकाम या खांसी होने पर अक्सर भारतीय घरों में दही खाने से मना किया जाता है। यह एक सदियों पुराना सवाल है कि क्या दही खाने से छाती में कफ जम जाता है या स्थिति और बिगड़ जाती है? स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच इस विषय पर अलग-अलग मत हैं। हालांकि आधुनिक पोषण विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही दही के कुछ विशिष्ट गुणों के कारण इसे सीधे मना नहीं करते, बल्कि इसके सेवन के तरीके और समय पर ध्यान देने की सलाह देते हैं।

दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स, जो ‘अच्छे बैक्टीरिया’ होते हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सर्दी-जुकाम के दौरान यह जरूरी है कि आपकी आंतों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे, क्योंकि शरीर की अधिकांश इम्यूनिटी आंतों से जुड़ी होती है। इसलिए जुकाम में दही खाते समय कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए, ताकि यह गले और श्वसन तंत्र को और परेशान न करे। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।

इम्यूनिटी में प्रोबायोटिक्स का योगदान
दही में अच्छी मात्रा में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो सीधे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को मजबूत करते हैं। ये ‘अच्छे बैक्टीरिया’ आपकी आंतों में संक्रमणों से लड़ने वाले टी-सेल्स का उत्पादन बढ़ाते हैं। इस मजबूती के कारण शरीर सर्दी-जुकाम से तेजी से उबर पाता है। इसलिए दही खाने से आपकी आंतों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, जो बीमार होने पर जल्द ठीक होने में सहायक होता है।

तापमान का रखें विशेष ध्यान
अगर आप सर्दी-जुकाम में दही खा रहे हैं, तो इसे कमरे के तापमान पर ही खाएं, ठंडा बिल्कुल नहीं। फ्रिज से निकालकर तुरंत ठंडी दही खाने से गले में खराश या कफ बनने की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए खाने से कुछ देर पहले दही को बाहर निकाल लें, ताकि वह सामान्य तापमान पर आ जाए। ठंडा खाने से बचें, यह छोटा बदलाव गले को आराम दे सकता है।

सेवन का सही समय
बीमारी के दौरान दही खाने का सही समय जानना बहुत जरूरी है। इसे हमेशा दोपहर के भोजन के समय या दिन के शुरुआती घंटों में ही खाना सबसे अच्छा होता है। शाम या रात के समय दही खाने से पूरी तरह बचना चाहिए, क्योंकि रात में दही बलगम (कफ) को बढ़ा सकती है, जिससे आपकी खांसी और गले की परेशानी बढ़ सकती है।

मसालों के साथ सेवन
दही को और पौष्टिक बनाने के लिए आप इसे हल्दी, अदरक या काली मिर्च जैसे गर्म मसालों के साथ मिलाकर खाएं। इससे इसकी ठंडक कम हो जाती है। इसे गाढ़ी दही के रूप में खाने के बजाय, छाछ के रूप में पतला करके, उसमें अदरक और भुना जीरा मिलाकर पीना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह आपको दही के सभी फायदे देगा, लेकिन कफ को बढ़ने नहीं देगा

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