क्यों होते हैं साल में दो नवरात्रि: जानिए पूरा सच #tosnews
#tosnews हिंदू परंपरा में हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व होता है। फिर चाहें वह छोटे फेस्टिवल हों या फिर कोई बड़ा त्योहार। हमारे देश में हर छोटे- बड़े और व्रत के त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। #tosnews
हिंदू परंपरा में हर पर्व को आध्यात्म से जोड़कर देखा जाता है। वहीं हर त्योहार के पीछे वैज्ञानिक कारण भी जुड़े होते हैं। त्यौहारों को मौसम से जोड़कर भी देखा जाता है। बात अगर नवरात्रि की करें तो हमारे देश में नवरात्रि पर्व को आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि को साल में दो बार मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं साल में दो बार नवरात्रि -#tosnews
हमारे देश में वर्ष में दो बार नवरात्रि मनाया जाता है। चैत्र के नवरात्रि शुरू होने वाले हैं। इसके छ: महीने बाद शारदीय नवरात्रि मनाए जाते हैं। ये दोनों ही पर्व होली और दिवाली के आस-पास ही मनाए जाते हैं। या कहें कि शरद ऋतु और ग्रीष्म ऋतु की शुरूआत ही इस पर्व से होती है। #tosnews
थोड़ा सा ध्यान दें तो पाएंगे कि चैत्र के नवरात्रि ग्रीष्म ऋतु की शुरूआत में मनाए जाते हैं। वहीं शरद ऋतु के नवरात्रि भी सर्दी का महीने शुरू होते ही मनाते हैं। दोनों के बीच 6 महीने का अंतराल रहता है। मौसम के परिवर्तन में शरीर अपने आपको एडजस्ट कर सके इसके लिए नवरात्रि का पर्व मनाते हैं।
प्रकृति का नियम –#tosnews
प्रकृति हमारी जननी है। प्रकृति के उसूलों को अगर हम काम नहीं करेंगे तो उसका परिणाम भी घातक होगा। मौसम के परिवर्तन से हमारे जीवन में भी गहरा प्रभाव पड़ता है। मनऔर मस्तिष्क को ऊर्जावान रखने के लिए नवरात्रि का पर्व मनाते हैं।
वैज्ञनिक महत्व –#tosnews
शरीर को रोग रहित रखने के लिए और स्फूर्ति और एर्नजेटिक रखने के लिए व्रतों का त्यौहार मनाया जाता है। नवरात्रि को ऊर्जा प्रदान करने वाला त्यौहार भी कहा जाता है।
#tosnews पुराने जमाने में लोग इन पर्वों को धूमधाम से मनाते थे। नवरात्रि के सीजन में नई फसलों का उत्पादन भी शुरू हो जाता है। बॉडी को पुराने से नए सीजन में आने के लिए थोड़ा समय देना होता है। इसलिए नए मौसम के आते ही बड़े बुजुर्ग व महिलाएं व्रत रहा करती थीं। इससे वह कभी सीजनल रोगों से बचे रहते थे। लेकिन आज प्रकृति के अनुरूप न चलने से व्यक्ति रोगों से ग्रस्त रहता है और पाचन तंत्र भी बिगड़ा रहता है।
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पाचन तंत्र को मजबूत रखने के लिए भी व्रत को अहम स्थान दिया गया है। पूर्वज भी यही सलाह दिया करते थे। इस बार भी नवरात्रि में आप अपने आपको कूल और फिट दोनों ही रखने के लिए पावन व्रत को जरूर धारण करें। वैसे तो मां दुर्गा के नव दिनों में कई रूपों के दर्शन हम सब करते ही हैँ और नव रूपों के अलग-अलग महत्व भी हैं। #tosnews
By: वंदना पांडे