आपने क्रिकेट के मैदान पर कई रिकॉर्ड टूटते और बनते देखें होंगे। साथ ही कई ऐसे इंसिडेंट भी देखें होंगे जो कि हमेशा के लिए यादगार बन गए। आज हम आपको क्रिकेट के जगत के कई ऐसे अजब इत्तेफाकों और कई रिकॉर्ड के बारे में बता रहे हैं जिनसे आप अनजान है।
सचिन के बल्ले से अफरीदी का रिकॉर्ड- विश्व का सबसे तेज शतक बनाने वाले खिलाड़ी में शाहिद अफरीदी का नाम तो हर कोई जानता है, लेकिन आपको जानकर ये हैरानी होगी की सचिन तेंदुलकर की बदौलत ही अफरीदी ये रिकॉर्ड बना पाए थे। 1996 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अफरीदी के पास बल्लेबाजी के लिए सही बल्ला नहीं था। तब वकार यूनुस ने अफरीदी को सचिन तेंदुलकर का बल्ला दिया। जो बल्ला सचिन ने वकार को तोहफे के तौर पर दिया था। सचिन के बल्ले से श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंद पर अफरीदी ने 11 छक्के और 6 चौके की मदद से वनडे क्रिकेट का सबसे तेज शतक जड़ा।
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पाकिस्तान की टीम में सचिन तेंदुलकर- शायद की किसी ने सोचा होगा कि क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ मुकाबला खेला होगा। हैं ना अजीब इत्तेफाक। 1987 वर्ल्ड कप कप के दौरान एक अभ्यास मैच के दौरान तेंदुलकर ने पाकिस्तान की तरफ से फिल्डिंग की थी और वो भी भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेलने से पहले।
टीम इंडिया का अजेय रिकॉर्ड- भले ही ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड 5 बार की विश्व विजेता हो, लेकिन एक रिकॉर्ड टीम इंडिया का ऐसा है जो विश्व क्रिकेट में शायद ही कोई भविष्य में तोड़ पाएगा। भारतीय टीम विश्व की इकलौती ऐसी टीम है जिसने 60 ओवर, 50 ओवर और 20 ओवर वाले आईसीसी वर्ल्ड कप जीत हो, 1983 में भारत ने जब कपिल देव की अगुवाई में पहली बार वर्ल्ड कप जीता तब 60 ओवर के मैच हुआ करते थे। 2011में 50 ओवर का वर्ल्ड कप जीता। वहीं 2007 में 20 ओवर का यानी टी-20 वर्ल्ड जीता।
विनोद कांबली से पीछे सचिन- यूं तो सचिन तेंदुलकर के बल्ले से ना जाने कितने रिकॉर्ड बने हैं, लेकिन तमाम रिकॉर्ड के बाद सचिन अपने बचपन के दोस्त विनोद कांबली को एक मामले में पीछे छोड़ नहीं पाए। 17 टेस्ट मैच में कांबली का औसत 54.20 का रहा था, लेकिन सचिन का औसत 53.78 का ही रहा।
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1 ही दिन में देखने को मिले यानी एक ही दिनों में कुल 4 पारियां खेली जाएं। हुआ है, साल 2000 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन वेस्टइंडीज की टीम ने 9 विकेट पर 267 रनों से आगे खेलना शुरू किया जिसके बाद वो ऑलआउट हुए, उसके बाद इंग्लैंड की टीम सिर्फ 134 पर आउट हो गई। इसके बाद वेस्टइंडीज को इंग्लैंड ने सिर्फ 54 रनों पर ऑलआउट कर दिया और दिन के आखिरी पलों में वो चौथी पारी की बल्लेबाजी करने भी उतर गए। ऐसा वाकया 11 साल बाद साउथ अफ्रीका के केपटाउन में भी हुआ।