ओलंपिक खेलों के दौरान डोपिंग के डंक ने कई खिलाड़ियों को डसा था। रूस के पूरे दस्ते पर प्रतिबंध लगाने की नौबत आ गई थी। अब इस जहर की हवा ने क्रिकेट को भी अपने चपेटे में लेकर दूषित कर दिया है।

साल 2015 में रसेल ने स्थानीय डोपिंग एजेंसी को अपने ठिकाने की सूचना नहीं दी। उन्होंने 3 बार ऐसा किया, जिसके चलते 31 जनवरी से एक वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया गया। विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने उनका ड्रग टेस्ट फेल माना है।
2015 में रसेल ने 1 जनवरी, 1 जुलाई और 25 जुलाई को स्थानीय एजेंसी को नहीं बताया कि वो कहां हैं और किस देश में खेल रहे हैं। रसेल के वकील ने कहा है कि उन्होंने सभी फैसलों पर विचार करने के बाद अपनी गलती स्वीकारी है।
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रसेल ऑस्ट्रेलिया की बिग-बैश लीग में रंगीन बल्ले के इस्तेमाल करने के कारण विवादों में रहे थे। हालांकि बाद में उन्हें बल्ले इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई थी। रसेल अब शायद ही आईपीएल में खेल पाएं।
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