यूं तो क्रिकेट के मामले में भारत और पाकिस्तान में जमीन आसमान का अंतर है. जहां भारत का क्रिकेट बोर्ड बीसीसीई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, तो वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पैसे की तंगी से जूझ रहा है. एक ओर जहां भारत की टी20 क्रिकेट लीग आईपीएल में पैसा बरस रहा है, वहीं पाकिस्तान की क्रिकेट लीग पीएसएल में दर्शकों का टोटा रहा था. इसके बावजूद दोनों ही देशों में खिलाड़ियों का संघ अभी तक नहीं बना है.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के संघों के महासंघ (फिका) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की पांच दिवसीय बैठक के पहले दिन रविवार को भारत और पाकिस्तान में खिलाड़ियों के संघों की गैर मौजूदगी पर ‘बड़ी चिंता’ जताई. खिलाड़ियों का संघों की गठन की बात सर्वोच्च न्यायाल द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति द्वारा की सिफारिशों में से भी एक है ताकि क्रिकेटरों को ‘‘अपनी चिंताओं को उठाने के लिए एक मंच मिल सके’’. इसमें हालांकि उन्हें ‘‘किसी भी प्रकार का ट्रेड यूनियन’’ नहीं बनाने की हिदायत दी गई है.
फिका के एक सदस्य ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश भारत और पाकिस्तान में कोई सक्रिय खिलाड़ी संघ नहीं है. यह निश्चित रूप से एक बड़ी चिंता की बात है. लोढा आयोग ने पहले से ही एक संगठन बनाने के बारे में कहा है. हम उनसे तभी बात करेंगे जब वे एक संघ बनाएंगे. यह भारत के खिलाड़ियों पर निर्भर करता है.’’
लोढ़ा समिति ने की है सिफारिश
लोढ़ा समिति की सिफारिशों में क्रिकेट खिलाड़ियों के संघ (सीपीए) के गठन की भी एक सिफारिश है. वहीं बीसीसीआई का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने क्रिकेट खिलाड़ियों के संघ का गठन करने को लेकर एक कार्यकारी समूह गठित करने का फैसला किया है. इस समूह में पूर्व कप्तान कपिल देव, अंशु़मान गायकवाड, भरत रेड़्डी और महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी शामिल हैं.
फिका सदस्य ने कहा, ‘‘भारत निश्चित रूप से क्रिकेट में एक प्रभावशाली देश है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इस खेल का अनुसरण करते है. आईसीसी में 12 पूर्ण सदस्य देश है. आईसीसी के निर्णयों में वास्तव में भारत का प्रभाव रहता है.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों के साथ काफी स्टारडम जुड़ा हुआ है और उनमें बीसीसीआई के साथ सौदा करने के लिए पर्याप्त शक्ति हैं. खिलाड़ियों के संघ बनाने में देरी के कारणों में से यह भी एक कारण है.
यह स्पष्ट करते हुए कि वे एजेंट के रूप में काम नहीं करते हैं, अधिकारी ने कहा : “हम सामूहिक रूप से काम करते है. व्यक्तिगत क्रिकेटर के अधिकार की बात नहीं करते. हम व्यक्तिगत एजेंट नहीं हैं. आईसीसी के पहली दिन की बैठक में महिला क्रिकेट समिति की बैठक और महिला क्रिकेट मंच भी था. दिन के सत्र में भारतीय टीम की कप्तान मिताली राज ने भी विशेष आमंत्रित के रूप में भाग लिया था.
मैच फिक्सिंग पर यह बोलीं मिताली
आईसीसी के एक अधिकारी ने कहा , “वह बैठक के दौरान वह संक्षिप्त समय के लिए यहां थीं. उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें मैच फिक्सिंग के किसी भी मामले का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि अब तक नहीं.’’