क्वारंटाइन सेंटर में रह रही एक महिला की मौत से उसके दो जुड़वा बच्चे बेसहारा हो गए हैं। बचपन में ही सिर से मां का साया उठ जाने से ये बच्चे मां के दूध के लिए तरस रहे हैं। महिला की मौत कोरोना वायरस संक्रमण से होने की आशांकाओं को खारिज करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि एहतियात के तौर पर इसकी जांच के लिए सैंपल भेजा गया है। प्रथम दृष्टया कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं है। पीएम रिपोर्ट से महिला की मृत्यु का वास्तविक कारण पता चल पाएगा। सारंगढ़ निवासी महिला ने रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में 18 मई को दो स्वस्थ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। इसके बाद वह अपने माता-पिता के साथ सरायपाली विकासखण्ड के ग्राम कलेन्डा में पहुंची, जहां वह स्वेच्छा से कलेन्डा के शासकीय हाईस्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन सेन्टर में 24 मई से रह रही थी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में 23 लोग रह रहे हैं। जिनमें 17 पुरुष और 6 महिलाएं शामिल हैं। महिला के खराब स्वास्थ्य की सूचना मिलने पर मंगलवार-बुधवार की रात्रि साढ़े तीन बजे 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली पहुंचाया गया। केंद्र में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के द्वारा जांच उपरांत महिला को मृत घोषित कर दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि उसमें किसी भी तरह के कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी लक्षण नहीं थे। फिर भी उसका आरटीपीसीआर के लिए सैम्पल रायपुर भेजने की कार्रवाई की गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली मे पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिसके उपरांत मृत्यु का कारण स्पष्ट होगा।
बच्चों की देखरेख कलेण्डा में उसके नाना-नानी कर रहे हैं, जिसमें उनका सहयोग महिला एवं बाल विकास विभाग से किया जा रहा है। प्रशासन ने कहा कि प्रथम दृष्टया महिला की मृत्यु कोरोना संबंधी नहीं है।