#tosnews खंडित मूर्ति घर पर रखने से होते हैं ये गंभीर परिणाम
#tosnews आध्यात्म को मानने वाले व्यक्ति वास्तु शास्त्र पर भी विश्वास रखते हैं। आज हम वास्तु के हिसाब से घर पर पूजा ग्रह कैसा होना चाहिए और किस तरह की मूर्ति वहां स्थापित होनी चाहिए, इस पर बात करेंगे। घर में बने मंदिर में जब भी आप ध्यान लगाकर पूजा पाठ करते हैं तो आप यही सोचते हैं कि ईश्वर आपकी जल्द ही मनोकामना पूर्ण करें। पर आप नहीं जानते कि आपकी इस मनोकामना को पूरी होने में इतना विलंब क्यों लग रहा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में किसी प्रकार की अगर मूर्ति आपने रखी है, और वह खंडित हो चुकी है तो उसको घर पर ना रखें। यही कारण है कि आपके घर में तरक्की होने के बजाय हानि हो रही है।
#tosnews मंदिर घर में क्या नहीं होना चाहिए –
#tosnews एक ही भगवान की दो मूर्तियां एक साथ ना हो
वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर आप के घर के पूजा गृह के पास दो मूर्तियां एक ही भगवान की हैं तो यह सकारात्मक प्रभाव डालने के बजाय नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। लेकिन एक ही देवता की दो मूर्तियां घर पर नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने पर घर में गृह क्लेश और झगड़ा बढ़ जाता है। साथ ही आपस में तनाव के माहौल जैसा बना रहता है। अगर आपके घर में एक ही भगवान की दो मूर्तियां है तो दोनों को आमने सामने रखे।
#tosnews टूटी हुई मूर्ति ना रखें
कई बार ऐसा होता है कि घर में थोड़ा सा भी मूर्ति को कुछ होता है तो हम अवॉइड कर देते हैं। मूर्ति के खंडित होते ही आपके घर में कुछ ना कुछ दुष्प्रभाव ही नजर आते हैं। इसके पीछे भी बहुत ही गहरी आस्था जुड़ी हुई है। वास्तु के अनुसार खंडित मूर्तियों के दर्शन और पूजा करने का कोई मतलब नहीं होता, इसका कोई प्रभाव और फल नहीं मिलता बल्कि अपशगुन की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए खंडित मूर्तियों को नीम के पेड़ के नीचे रख देना चाहिए।
#tosnews युद्ध करने वाली मूर्ति
हमेशा याद रखें कि भगवान के घर में कोई भी युद्ध करने वाली मूर्ति ना रखें। हमेशा सौम्य स्वरूप वाली ही मूर्ति रखें। अगर आप घर के पूजा स्थान पर सौम्य स्वरूप वाली मूर्ति रखते हैं तो आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार होता रहेगा। वहीं अगर युद्ध वाली मूर्ति रखते हैं तो घर में उदासीनता गंभीरता बनी रहेगी। आपके घर में कलह कलेश हो सकते हैं जिसकी वजह से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
#tosnews मूर्ति के मुख कैसे हों
मूर्ति के मुख स्थान और हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में होना चाहिए। गंभीर और उदास दिखने वाली मूर्ति को अपने घर में ना रखें क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है।