दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की फ्री वाई-फाई योजना अधर में लटक गई है। लोक निर्माण विभाग ने इस योजना को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके चलते फिलहाल यह योजना कागजों पर ही सिमट कर रह गई है।
बता दें कि अपनी चुनावी घोषणा पत्र में आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों को फ्री वाई-फाई देने का ऐलान किया था। अभी तक यह योजना कागज पर ही दौड़ रही है। हालांकि, आप सरकार ने इस घोषणा को पूरा करने की पहल की तो पीडब्ल्यूडी ने इसमें रोरे अटका दिए।
पीडब्ल्यूडी ने तर्क है कि उनके पास स्टॉफ और विशेषज्ञों की कमी है। इसलिए वह इस योजना पर काम नही कर सकता है। जबकि सरकार इस विभाग पर काम करने का अभी भी दबाव बना रही है।
ऐसे में दो बातें सामने आ रही हैं यदि सरकार दबाव बनाकर पीडब्ल्यूडी से ही इस योजना पर काम कराती है तो यह काम डेढ़ साल में पूरा नहीं हो सकेगा। यदि दूसरे किसी विभाग के पास काम जाता है तो डेढ़ साल में काम शुरू होने की संभावना भी न के बराबर है।
बता दें कि आप सरकार ने जून 2016 में सरकार ने योजना का पूरा खाका पेश किया था। उस समय इस योजना का काम सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दिया गया था। मगर योजना आगे न बढ़ते देख अब कुछ माह पहले सरकार ने इसे लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया था। इसके अलावा योजना पर खर्च करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में एक सौ करोड़ के बजट का भी प्रावधान किया।
माना जा रहा था कि लोक निर्माण विभाग इस योजना पर तेजी से काम करेगा। मगर यह विभाग भी अभी तक इस योजना पर कुछ नहीं कर सका है। इस योजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग के अभियंता आरआर मीणा ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर फ्री वाई-फाई परियोजना पर काम करने से असमर्थता जताई है।
इस बारे में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरके अग्रवाल ने कहा कि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीें हैं। जबकि इस बारे में श्रम व विकास मंत्री गोपाल राय का कहना है कि कुछ अधिकारी इस योजना को रोक रहे हैं। मगर जनता को यह सुविधा दिलवा कर रहेंगे।
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