नई दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच राफेेल विमान की खरीद समझौते पर आधिकारिक मुहर लग चुकी है। इस सौदे के तहत भारत को फ्रांस हवा से हवा में मार करने वाली विश्व की आधुनिक मिसाइल मेटेओर भी देगा। जो एक सेकेंड में आधी दुनिया खत्म कर सकती है।
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सौदे के तहत मिलने वाले विमान इस मिसाइल प्रणाली से लैसे होंगे। यह मिसाइल दुश्मनों के एयरक्राफ्ट और 100 किमी दूर स्थिति क्रूज मिसाइल को ध्वस्त करने में सक्षम है। इस मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर लेने से भारत की स्थिति दक्षिण एशिया में और मजबूत हो जाएगी। पाकिस्तान और यहां तक कि चीन के पास भी इस श्रेणी की मिसाइल नहीं है।
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इस मिसाइल का निर्माण करने वाले यूरोपीय फर्म एमबीडीए के इंजीनियरों ने कथित तौर पर दावा किया है मेटेओर में नो एस्केप जोन है जो कि एआईएम-120डी एएमआरएएएम मिसाइल से तीन गुना बड़ा है। वॉर इस बोरिंग के अनुसार, नो एस्केप जोन हवाई-युद्ध से जुड़ा एक टर्म है जिसका इस्तेमाल मिसाइल की क्षमता द्वारा निर्धारित किए गए एक शंकुआकार क्षेत्र के लिए किया जाता है, जहां से लक्षित एयरक्रॉफ्ट निशाने से बच नहीं सकता।
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यह सौदा करीब 7.8 अरब यूरो यानी 58 हजार 646 करोड़ रुपये का था। यानी भारत को एक राफेल लड़ाकू विमान एक हज़ार छह सौ 28 करोड़ रुपयों का पड़ता, लेकिन अब ये 1504 करोड़ रुपयों का पड़ेगा। वैसे सरकार ने आधिकारिक तौर पर राफेल लड़ाकू विमानों के दामों का खुलासा नही किया है। इसका खुलासा समझौते पर हस्ताक्षर के बाद ही होगा। इंटर-गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट के टर्म्स फाइनल होने के बाद इसे कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी को भेजा जाएगा जो अंतिम फैसला करेगी।
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