खाद्य तेल की कीमतें अभी भी ऊंची, त्योहारी सीजन के बाद भी राहत नहीं!

त्योहारी सीजन में खाद्य तेल की कीमतों में आई तेजी के बाद नवंबर में भी उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली है। खुदरा बाजार में सोयाबीन तेल की कीमत 160-170 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी। इस दौरान पाम ऑयल की कीमत में अक्टूबर में 37 फीसदी उछाल देखने को मिली। इसी तरह सरसों का तेल 29 फीसदी, सोयाबीन तेल 23 फीसदी, सनफ्लावर ऑयल 23 फीसदी और मूंगफली का तेल चार फीसदी महंगा हुआ। माना जा रहा था कि त्योहारों के बाद खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है लेकिन नवंबर में कीमतों में कोई राहत नहीं मिली। एक रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि खाद्य तेल की कीमत बढ़ने के कारणों पर उसका कोई कंट्रोल नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेल की कीमत बढ़ रही है। साथ ही साउथईस्ट एशिया में पाम ऑयल सीजन कमजोर रहा है। सरकार ने अब तक आयात शुल्क में कटौती का फैसला नहीं किया है। घरेलू किसानों के फायदे के लिए सरकार ने खाद्य तेलों के आयात पर ड्यूटी बढ़ाई थी।

क्यों बढ़ी कीमत

14 सितंबर को सरकार ने देश में तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए क्रूड और रिफाइंड एडिबल ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था। क्रूड पाम, सोयाबीन और सोयाबीन तेल पर ड्यूटी 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 27.5% कर दी थी जबकि रिफाइंड ऑयल पर ड्यूटी 13.7% से बढ़ाकर 35.7% कर दी गई थी। अक्टूबर में सरकार ने खाद्य तेल की बढ़ती कीमत पर चिंता जताई थी। इसके बाद विभिन्न मंत्रालयों के बीच इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के प्रभावों पर चर्चा हुई थी और उपभोक्ताओं को राहत देने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ। माना जा रहा था कि अक्टूबर में सोयाबीन और मूंगफली की नई फसल के बाजार में आने से तेल की कीमत में गिरावट आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत अपनी जरूरत का 58% एडिबल ऑयल इम्पोर्ट करता है। सरकार सप्लाई में स्थिरता लाने और घरेलू बाजार को वैश्विक असर से बचाने के लिए तिलहन की खेती को प्रमोट कर रही है।

सबसे तेज उछाल

नवंबर में वर्ल्ड फूड कमोडिटी प्राइजेज से जुड़ा बेंचमार्क में अप्रैल 2023 के बाद सबसे बड़ी उछाल देखने को मिली। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने कहा खाद्य तेलों की कीमत बढ़ने के कारण ऐसा हुआ। The FAO Food Price Index नवंबर में औसतन 127.5 अंक रहा जो एक साल पहले के मुकाबले 5.7 परसेंट ज्यादा है। The FAO Vegetable Oil Price Index अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 7.5 फीसदी चढ़ गया। यह पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी चढ़ा है। साउथईस्ट एशिया में भारी बारिश के कारण पाम ऑयल में तेजी आई है। भारी मांग के कारण सोयाबीन के तेल की कीमत बढ़ी है जबकि टाइट सप्लाई के कारण बाकी तेलों की कीमत में तेजी आई है।
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