आपूर्ति में सुधार की वजह से खाद्य तेल की कीमतें अगले छह से 12 महीनों में गिर सकती हैं। इंडस्ट्री के एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा, मुझे अगले 6 से 12 महोनों में खाद्य तेल की कीमतों में नरमी की उम्मीद है। एलएमसी इंटरनेशनल के कमोडिटीज कंसल्टेंसी के अध्यक्ष जेम्स फ्राई ने शुक्रवार को ग्लोबोइल इंडिया सम्मेलन में यह जानकारी दी।
इस साल लगभग एक चौथाई बेंचमार्क क्रूड पाम ऑयल कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा है, यह लगातार तीसरा वर्ष है जब महामारी की वजह से श्रम की कमी के रूप में उत्पादन में कमी आई। बता दें कि मलेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसने अगस्त के मध्य में 4,560 रिंगित प्रति टन की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ।
फ्राई ने कहा कि शीर्ष उत्पादक इंडोनेशिया के पाम तेल का उत्पादन आने वाले महीनों में बढ़ने की संभावना है, लेकिन यह सूखे और खराब रखरखाव से सीमित होगा। उन्होंने कहा कि मलेशिया का उत्पादन कम समय में श्रम की कमी से जूझेगा। खाद्य प्रयोजनों के लिए सोया तेल की मांग कोरोना वायरस के बाद से ठीक हो रही है, लेकिन खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका में जैव डीजल में इसका उपयोग गिर रहा है।
राष्ट्रपति जो बिडेन का प्रशासन राष्ट्रीय जैव ईंधन सम्मिश्रण आवश्यकताओं में बड़ी कटौती पर विचार कर रहा है। फ्राई ने कहा कि सोयाबीन का उत्पादन बढ़ने की संभावना है, लेकिन इससे सोया तेल की आपूर्ति बढ़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि पेराई की गति भोजन की कम मांग के कारण बाधित है।
उन्होंने कहा कि काला सागर क्षेत्र में सन फ्लावर ऑयल के उत्पादन में तेज वृद्धि से पाम ऑयल पर प्रीमियम इस साल 250 डॉलर प्रति टन से नीचे 100 डॉलर प्रति टन नीचे आ सकता है। सूरजमुखी तेल सोया तेल के मुकाबले छूट पर कारोबार कर सकता है और भारत जैसे खरीदारों को आकर्षित कर सकता है।
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