अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ (US Tariff on India) और पेनल्टी लगाने की धमकी (Trump Tariff Impact) के बाद गुरुवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट (Share Market Crash) दर्ज की गई। इसका नतीजा ये हुआ कि सेंसेक्स करीब 10 बजे 542.66 पॉइंट्स या 0.67 फीसदी की गिरावट के साथ 80,939.20 पर है।
सुबह 9:20 बजे तक, बीएसई सेंसेक्स की गिरावट 604 अंक या 0.74% की थी, जिसका मतलब है कि बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैपिटल 5.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 453.35 लाख करोड़ रुपये रह गई। ये निवेशकों की संपत्ति में आई गिरावट है।
किन सेक्टरों में आई ज्यादा गिरावट
सेक्टोरल मोर्चे पर, निफ्टी ऑटो 1% लुढ़क गया, जबकि बैंकिंग, धातु, फार्मा और रियल्टी सूचकांक भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। हालांकि शेयर बाजार में आज आई गिरावट के कई कारण हो सकते हैं। इनमें ट्रम्प टैरिफ के अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार पाँचवीं बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला भी शामिल है।
इससे भी बड़ी बात ये है कि फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों ने सितंबर में ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता का संकेत दिया, और कहा कि यह फैसला लेना अभी जल्दबाजी होगी।
क्रूड ऑयल भी हो गया महंगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से रूस-यूक्रेन संघर्ष से जुड़ी टैरिफ धमकियों के बीच सप्लाई बाधित होने के जोखिम को देखते हुए गुरुवार को तेल की कीमतों में स्थिरता देखी गई। हालाँकि, अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अचानक वृद्धि ने इस बढ़त को सीमित कर दिया।
ब्रेंट क्रूड 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहा, जबकि डब्ल्यूटीआई 70 डॉलर से थोड़ा नीचे कारोबार कर रहा था। पिछले सत्र में दोनों बेंचमार्क 1% बढ़े थे, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव और मिले-जुले इन्वेंट्री आंकड़ों ने ट्रेडर्स को सतर्क रखा।
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