बड़ा खुलासाः POK के लॉन्चिंग पैड से घुसपैठ की ताक में हैं 200 आतंकी

अखनूर के करीब पलावलां सेक्टर में एलओसी के करीब हुए हमले के बाद बैट हमले की आशंका बढ़ी है। एलओसी के करीब सीमा सड़क संगठन के जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (ग्रेफ) शिविर पर हुए हमले का तरीका बैट हमले की ओर इशारा करता है।
 बड़ा खुलासाः POK के लॉन्चिंग पैड से घुसपैठ की ताक में हैं 200 आतंकी

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आमतौर पर फिदायीन हमले में आतंकी मौके पर जमकर अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं लेकिन इस बार हमलावरों ने हिट एंड रन की नीति पर अमल किया। बैट हमले में आतंकियों और पाकिस्तानी सेना की संयुक्त टीम यही रणनीति अपनाती रही है।

पीओके के डेढ़ दर्जन से अधिक लांचिंग पैड पर 200 आतंकी अब भी घुसपैठ की ताक में हैं लिहाजा सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हुईं हैं। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक हमलावरों ने जल्दीबाजी में अंधाधुंध गोलियां चलाकर भागने की रणनीति अपनाई, इससे लगता है कि वे अंधेरे में ही पीओके वापस लौटने की रणनीति पर काम कर रहे थे। इस हमले में तीन मजदूरों की मौत हुई।

सुरक्षा एजेंसियों ने भेजी रिपोर्ट

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान ने तीन बार बैट हमला किया है जिसमें सेना के जवानों के शवों के साथ भी अमानवीय हरकत की गई। जवानों के सिर काटने जैसी घटनाएं भी हुईं। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पाकिस्तान ने पुंछ इलाके में सीजफायर का उल्लंघन किया था।

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उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने घुसपैठ के ताजा प्रयासों और बैट हमले की आशंका जताते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी। गृह मंत्रालय के दस्तावेजों के अनुसार 2016 में 108 आतंकी घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल होने में सफल रहे।

नए साल में यह संख्या पांच बताई जा रही है। पिछले साल घुसपैठ के 203 प्रयास हुए थे जिसमें 27 आतंकी मारे गए। सुरक्षा बलों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ी। धुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों में से सिर्फ दो की ही गिरफ्तारी हो पाई। 

कश्मीर घाटी 300 आतंकी सक्रिय

 

बार्डर और एलओसी पर बीएसएफ और सेना ने घुसपैठ की कोई कोशिशों को नाकाम किया जिसमें 72 आतंकी पीओके खदेड़े गए। कश्मीर घाटी 300 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें 200 से अधिक पाकिस्तानी आतंकी हैं। सुरक्षा बलों और सेना ने इनकी तलाश में सर्च आपरेशन चलाया है। 

आतंकी हमलों की सुरक्षा बलों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। हमलों में पिछले साल में 60 जवान शहीद हुए और 104 घायल हुए हैं। इससे पहले 2014 में 26 और 2015 में 39 जवान शहीद हुए थे। पिछले साल सुरक्षा बलों ने 146 आतंकियों को ढ़ेर किया। इस क्रम में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच 97 मुठभेड़ हुईं। 

 
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