पूर्वी पाकिस्तान में पाक सेना की क्रूरता के चलते 1971 में आज ही के दिन (3 दिसंबर) को भारतीय सेना ने पाक फौज पर हमला बोल दिया था।
1965 की जंग के बाद यह दूसरा मौका था, जब दोनों देशों की फौजें आमने-सामने थीं। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश की आजादी के लिए भारतीय फौज ने अमेरिका की धमकी को भी नजरअंदाज कर दिया था। अमेरिका ने बंगाल की खाड़ी में अपनी नौसेना का 7वां बेड़ा भारत को डराने के लिए तैनात कर दिया था।
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध बांग्लादेश लिबरेशन वॉर के रूप में शुरू हुआ था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पाकिस्तान पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बंट गया था। पूर्वी हिस्से (आज का बांग्लादेश) को पश्चिम में बैठी केंद्र सरकार अपने तरीके से चला रही थी।
उन पर भाषाई और सांस्कृतिक पांबदियां थोप दी गई थीं। इस कारण पूर्वी पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे। इन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने फौज को इनका दमन करने के आदेश दिए।
दो लाख महिलाओं के साथ रेप का दावा
इस दौरान पूर्वी पाकिस्तानी अवामी लीग के बड़े नेता जैसे शेख मुजीर्बुर रहमान आदि को गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना द्वारा लगभग दो लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था। करीब 20 से 30 लाख लोग मारे गए थे। करीब 80 से एक करोड़ लोगों ने भागकर भारत में शरण ली थी।
सबसे छोटा युद्ध
13 दिनों तक चले युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना से 16 दिसंबर को हथियार डाल दिए। भारतीय फौज ने करीब 90 हजार पाक सैनिकों को बंदी बना लिया था। इसे सबसे कम समय तक चले युद्ध के तौर पर भी देखा जाता है।