नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती करने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि यह कटौती एक्साइज ड्यूटी में की गई है। इसमें 1.50 रुपये केंद्र सरकार और 1 रुपया तेल मार्केङ्क्षटग कंपनियां कटौती करेंगी। वित्त मंत्री के ऐलान के तुरंत बाद गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने 2.50 रुपये वैट घटाने की घोषणा कर दी है।
अब इन राज्यों में लोगों को पांच रुपये प्रति लीटर सस्ता पेट्रोल-डीजल मिलेगा। इन दोनों राज्यों के बाद अन्य भाजपा शासित राज्य भी देर शाम तक ऐसा कदम उठा सकते हैं। वित्त मंत्री जेटली ने राज्य सरकारों ने भी कीमत घटाने का अनुरोध किया। यदि राज्य भी इतनी ही कटौती करें तो दामों में पांच रुपये प्रति लीटर की कमी आएगी।
गुरुवार को भी इनके दामों में क्रमश 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम में 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर बढ़ाये गए हैं। इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल अब 84 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। यह दोनों का सर्वकालिक उच्च स्तर है। ईंधन के बढ़ते दाम से किसानों की पहले से बदहाल स्थिति और खराब होने की आशंका है। विशेषकर रबी फसलों पर इसका अधिक प्रभाव पडऩे का अनुमान है।
डीजल अभी रिकॉर्ड उच्च कीमत पर बेचा जा रहा है। यह कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर से लेकर सिंचाई के पंपसेट तक डीजल से ही चलते हैं। अतरू डीजल महंगा होने से किसानों पर इसका असर पडऩा तय है। माना जा रहा है कि दोनों मंत्रियों ने कच्चे तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों तथा रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिरते जाने के प्रभावों को दूर करने पर चर्चा की। साथ ही सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर भी पहली बार 500 रुपये प्रति सिलिंडर को पार कर गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकारों से भी वैट में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का आग्रह किया है। अगर सभी राज्य सरकारें इस तरह का ऐलान करती हैं तो फिर पेट्रोल.डीजल पर लोगों को 5 रुपये प्रति लीटर की बड़ी राहत मिल जाएगी। जेटली ने कहा कि तेल के दाम इस साल रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। इसके लिए बाहरी दबाव हैए जिससे तेल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले चार सालों में पेट्रोल और डीजल का दाम सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। हालांकि सरकार ने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए काफी कदम उठाए हैं।
सब्सिडी वाला घरेलू रसोई गैस सिलेंडर भी पहली बार 500 रुपये प्रति सिलिंडर को पार कर गया है। 1 डॉलर की कीमत 73.5 रुपये के पार निकल गई है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे की कमजोरी के साथ 73.60 के स्तर पर खुला हैए जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। वहीं खुलने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया 73.70 तक टूट गया।
कल के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 73.34 के स्तर पर बंद हुआ था। डॉलर के मुकाबले रुपये के 70 के स्तर पार पहुंचने का असर कच्चे तेल के आयात पर हो सकता है। आयात महंगा होगा तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल.डीजल की कीमतें बढ़ा सकती हैं। देश में खाने.पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ेगा। साबुनए शैंपूए पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगीए जिससे ये प्रोडेक्ट भी महंगे हो सकते हैं।।
सभार-अमर उजाला