लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। अक्टूबर महीने से उन्हें 24 घंटे बिजली आपूर्ति मिलेगी। यानि हर समय बिजली रहेगी। पढ़ाई-लिखाई से लेकर, काम-धंधे, व्यापार, कारोबार, कारखाने, सिंचाई आदि हर जगह जहाँ बिजली की जितनी जरूरत है, वहां मनचाही बिजली सप्लाई मिलेगी। जी हाँ, सपा सरकार अबकी बार दिवाली के मौके से उत्तर प्रदेश के हर एक घर को जगमगाने जा रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को साकार करने की पूरी तैयारी हो गई है। अखिलेश यादव ने अक्टूबर महीने से प्रदेश के महानगरों को 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों को 16 घंटे बिजली आपूर्ति हर हाल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बिजली आपूर्ति का यह लक्ष्य हासिल करने के लिए सपा सरकार बड़े पैमाने पर विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रही है। खास तौर पर पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों की जगह सौर ऊर्जा अपनाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रदेश में हर जगह बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीएम ने ऊर्जा विभाग के बजट को 9000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 66 हजार करोड़ रुपये कर दिया है।
वर्ष 2012 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी उस समय प्रदेश में बिजली सप्लाई का बुरा हाल था। ग्रामीण इलाकों में बमुश्किल पांच-सात घंटे तथा शहरी इलाकों में 12-14 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पाती थी। इस समस्या को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दूर करने का संकल्प लिया। उन्होंने बिजली उत्पादन बढ़ाने पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। यह उनकी कोशिशों का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में औसत बिजली की उपलब्धता वर्ष 2007 में 5700 मेगावाट, वर्ष 2012 में 8400 मेगावाट तथा 2016 में 13500 मेगावाट रही है। महत्वपूर्ण है कि प्रदेश को निजी क्षेत्र की बारा, ललितपुर व श्रीनगर विद्युत परियोजनाओं से 4000 मेगावाट तथा राज्य सेक्टर की अनपरा डी-परियोजना से 1000 मेगावाट बिजली अक्टूबर, 2016 से मिलने की आशा है।अक्टूबर, 2016 से जनपद मुख्यालयों को 22 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होने लगेगी।महानगरों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति, तहसील मुख्यालयों को 20 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होने लगेगी।
समाजवादी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के समय में बढ़ोत्तरी करके लोगों को बड़ी राहत देने का काम किया है।ग्रामीण क्षेत्रों में 14, जनपदों में 20 , मण्डल मुख्यालयों में 22 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है।कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, एवं लखनऊ को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
अक्टूबर 2016 से रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन
सरकार की कोशिशों के परिणाम स्वरूप अक्टूबर2016 में बिजली उपलब्धता बढ़कर 17500 मेगावाट हो जाएगी। इस तरह विगत 65 वर्षों (आजादी से 2012 की अवधि) में जितनी विद्युत उपलब्ध थी, वह वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अक्टूबर 2016 तक में ही लगभग 9000 मेगावाट से अधिक हो जायेगी। इस तरह सरकार के वर्तमान कार्यकाल में विद्युत उपलब्धता बढ़ाकर दोगुनी से अधिक हो जायेगी। फरवरी 2012 में औसत प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति 193.6 मिलियन यूनिट थी जो फरवरी 2016 में 249.6 मिलियन यूनिट हो गयी। अब बिजली की उपलब्धता 11 हजार मेगावाट से बढ़ाकर 21 हजार मेगावाट करने की तैयारी है।
समाजवादी सरकार ने प्रदेश में बिजली की ज्यादा आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा को विशेष रूप से बढ़ावा दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में सौर ऊर्जा का उत्पादन पहले के मुकाबले 10 गुना बढ़ा है। जून 2012 में औसत प्रतिदिन बिजली सप्लाई 239.6 मिलियन यूनिट थी, जबकि जून 2015 में 303.9 मिलियन यूनिट को बिजली सप्लाई सुनिश्चित की गई, बिजली सप्लाई में 30 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। यहाँ उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 2012 में जहां 8500 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था, वहीं अक्टूबर 2016 तक 17500 मेगावाट बिजली उपलब्ध हो सकेगी। बारा, ललितपुर व श्रीनगर विद्युत परियोजनाओं सेअक्टूबर से 4000 मेगावाट, अक्टूबर, 2016 से अनपरा डी-परियोजना से 1000 मेगावाट बिजली मिलने की आशा है।