वैसे तो ब्रह्मांड की दुनिया चमत्कारों से भरी हुई है लेकिन ब्रह्मांड के कुछ चमत्कार अगर धरती पर देखने को मिले तो ‘धरती पर भी स्वर्ग’ हो सकता है। कुछ ऐसा ही चमत्कार इस ‘धरती के सूर्य’ की वजह से हुआ है। जो कभी अस्त नहीं होता, जिसकी रोशनी सूर्य की रोशनी से जरा भी कम नहीं है।हाथी और महावत के बीच ये Kiss देखकर दंग रह जाएंगे आप…
इस चमकीले धरती के सूर्य का नाम ‘सोलर एग’ है। इसे डिजाइन दिया है duo Bigert और Bergstrom ने। इसकी खोज वैज्ञानिकों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसे स्वीडन के उत्तरी पोल पर रखा गया है। इसके रखे जाने से यह जगह एक टूरिस्ट प्लेस की तरह बन चुकी है।
इसके अंदर का तापमान 75 से 80 डिग्री के बीच रहता है, अंदर एक इंसुलेटर लगा हुआ है जो तापमान को मेंटेने किए रखता है। ये इंसुलेटर स्टेनलेस स्टील का बना हुआ है। इस सोलर एग की कोटिंग टाइटेनियम गोल्ड से की गई है।
अपने पहले प्रोजेक्ट के दैरान वैज्ञानिक Riksbyggen ने इसका प्रस्ताव सामने रखा था। जब इसे धरती पर उतारा गया, किसी को भी यकीन नहीं हुआ। स्वीडन के आस पास के इलाकों में रात में भी धूप दिखती है, यही कारण है कि लोग यहां घूमने और रात बिताने आते हैं।
इसकी तस्वीरें इतनी खूबसूरत हैं कि आंखें चकाचौंध हो जाएं। इस प्रोजेक्ट के पास होते ही वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ उठी थी। इसके अंदर ‘दिल के आकार’ का एक बड़ा सा स्टोव रखा गया है जो अपने आप को खुद से ही समायोजित कर लेता है।
अंदर से ये करीब 16 फीट ऊंचा है जो स्टोन, लकड़ी और तांबे से बना हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह सोलर एग सूर्य का ही एक प्रतीक है। जो एक प्रेरक की तरह काम करता है, जैसे सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है, वैसे ही यह सोलर एग सूर्य के बाद दुनिया का दूसरा बड़ा स्रोत है।