वाराणसी। पावन नदी गंगा को साफ़ करने के वैसे तो सरकार द्वारा ख़ास योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन एक 60 साल का शख्स जिसे लोग पीएम मोदी का बिछड़ा भाई कहते है कुछ ऐसे मोदी के गंगा मिशन को पवित्र कर रहा है कि नौजवान भी पानी मांग जाएं। इस काम में ना तो उसकी उम्र आड़े आ रही है और ना ही हैसियत।
मोदी का बिछड़ा भाई मिल गया
गंगा किनारे रहने वाले 60 साल के एक दिव्यांग राजकुमार पंद्रह सालों से गंगा के कचरे से घरों के सजावटी सामानों को बनाकर लोगों में जागरुकता फैला रहे हैं। यही नहीं इस जागरुकता से राजकुमार अपनी रोजी-रोटी चलाते हुए सबको गंगा सफाई की उम्मीद दे रहे हैं। काम को देखते हुए लोग उन्हें पीएम का बिच्च्दा हुआ भाई तक कहते हैं।
वाराणसी के अस्सी में भदैनी स्थित एक छोटे से कमरे में राजकुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं। राजकुमार रोज सुबह घाटों पर फैले कोल्ड ड्रिंक की बोतले, शादियों के फेके कार्ड, आइसक्रीम की स्टिक, मिटटी के खराब बर्तन, कलश, आतिशबाजी के डिब्बे, पॉलीथीन जैसे कचरों को उठाकर घर लाते हैं और बेहतरीन गुलदस्ते, ग्रीटिंग कार्ड, सीनरी, बर्थ-डे गिफ्ट, सजावटी कैलेंडर, वॉल हैंगिंग बनाते हैं।
राजकुमार कचरे से बने सामानों को बेचकर जीविका चलाने के साथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा भी देते हैं। मास्टर साहब के नाम से मशहूर राजकुमार कमरे में बिना बिजली के गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए 15 सालों से भगीरथ प्रयास कर रहे हैं।
वर्षों से राजकुमार के इस मुहिम को घाट पर आने वाला हर व्यक्ति जनता है! यहां के पर्यटक भी राजकुमार के इस तरीके से आश्चर्य हो जाते हैं। राजकुमार के इस भागीरथ प्रयास की यहां के लोग भी सराहना करते हैं।