इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में मध्यप्रदेश की झाँकी विश्व धरोहर ‘सॉची के स्तूप’ सबका मन मोह लेगी .कल नई दिल्ली के आर.आर. कैम्प में आयोजित झाँकियों के पूर्वालोकन में इसे मीडिया की प्रशंसा मिली. झाँकी में साँची के स्तूप की प्रतिकृति को उकेरा गया है .
उल्लेखनीय है कि इस झांकी के अग्र भाग में बुद्ध की प्रतिमा और ध्यान लगाते हुए चार बौद्ध भिक्षुओं को दिखाने के साथ ही पिछले भाग में विश्व धरोहर साँची के स्तूप बनाये गये हैं,जिनकी पर्यटक भ्रमण करते हुए तस्वीर उतार रहे हैं. झाँकी के दोनों तरफ छह-छह भिक्षुक ‘बुद्धं शरणं गच्छामि” मंत्र का उच्चारण करते हुए दिखाया गया है , वहीँ झाँकी के चारों ओर जातक कथाओं के माध्यम से भगवान बुद्ध के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है.गोलार्द्ध स्वरूप का यह स्तूप अपने व्यापक अर्थ में ब्रह्माण्ड का प्रतीक है.
गौरतलब है कि इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने ईसा पूर्व तीसरी शती में करवाया था. सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र ने बौद्ध धर्म का प्रसार करने के लिये साँची से ही श्रीलंका के लिए प्रस्थान किया था.साँची में प्रति वर्ष मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साँची महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश और दुनिया के लाखों बौद्ध धर्मावलम्बी पूरे उत्साह से भाग लेकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं .
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