इस बार की गणतंत्र दिवस की परेड हर बार से अलग होगी क्योंकि इसमें एक-दो नहीं बल्कि असोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन (Asean) के सभी देशों के प्रधानमंत्रियों को न्यौता दिया गया है। गणतंत्र दिवस पर पहली बार देश इतने सारे राष्ट्र प्रमुखों का स्वागत करेगा।
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थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाउस, बुर्नेई Asean के हिस्सा हैं। वियतनाम और सिंगापुर ने निमंत्रण स्वीकार कर भी लिया है।
इससे पहले 1968 और 1974 में ही ऐसा हुआ था जब गणतंत्र दिवस के मौके पर देश ने एक से ज्यादा मेहमानों की मेहमाननवाजी की। 1968 में यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसीफ ब्रोज टीटो और सोवियत संघ के अलेक्सी कोसीगिन को बुलाया गया था और 1974 में यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति के साथ श्रीलंका की प्रधानमंत्री सिरिमाओ भंडारनायके आई थीं।
बता दें कि पीएम मोदी ने सरकार बनाने के बाद ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की शुरुआत की थी। इसमें पूर्व के देशों से अच्छे संबंध बनाने को विदेश मंत्रालय की पहली प्राथमिकता बनाया गया था। इसके मद्देनजर ही यह कदम उठाया गया है।
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