सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गणपति बप्पा को आनंद और खुशी का देवता माना जाता है। भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि समर्पित है।
हर साल भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi 2024) को भगवान गणेश के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास अवसर पर प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि व्रत के दौरान खानपान के नियम का पालन न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। अगर आप भी गणेश चतुर्थी का व्रत रख रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि व्रत के दौरान किन चीजों का सेवन करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी व्रत में क्या खाएं?
गणेश चतुर्थी के व्रत के दौरान सात्विक भोजन या फलाहार ही ग्रहण करना चाहिए। व्रत में साबूदाने की खीर, मिठाई और कुट्टू के आटे की पकौड़ी का सेवन किया जा सकता है।
सेब, अनार, केला आदि चीजों को भी फलाहार में शामिल कर सकते हैं। दूध और दही को व्रत थाली में शामिल किया जा सकता है।
इसके अलावा भगवन गणेश को मेवे का भोग लगाकर सेवन कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होकर साधक की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
ऐसे करें गणेश चतुर्थी व्रत (Ganesh Chaturthi Vrat Vidhi)
गणेश चतुर्थी के दिन स्नान करने के बाद मंदिर की सफाई करें।
चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें।
इसके बाद कलश स्थापित करें और विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करें।
अब गणेश जी को कुमकुम, अक्षत, चंदन और फूल अर्पित करें।
व्रत का संकल्प लें।
घी का दीपक जलाकर आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ और भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें।
दिन में भजन-कीर्तन करें।
संध्याकाल में प्रभु की आरती करें और मोतीचूर के लड्डू, मोदक का भोग लगाएं।
इसके बाद फलाहार करें और अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें।