भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली ने आज सोमवार को अपने हिमालय स्थित केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। सोमवार सुबह पूजा अर्चना के बाद डोली को मंदिर के गर्भ गृह से बाहर सभा मंडप में विराजमान लाया। जिसमें हक हकूकधारियों की ओर से भगवान की चल उत्सवह विग्रह डोली का श्रृंगार किया गया।
इसके बाद मंदिर की तीन परिक्रमा कर डोली अपने अगले गंतव्य की ओर प्रस्थान किया। सोमवार को डोली गुप्तकाशी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में रात्रित विश्राम करेगी। इसके बार छह मई को फाटा, सात को गुप्तकाशी और नौ मई को डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी। जबकि 10 मई को भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनाथ के लिए खोले जाएंगे।
पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्व मंदिर ऊखीमठ से भगवान केदारनाथ की डोली के धाम के लिए प्रस्थान करने पूर्व संध्या पर ओंकारेश्वर मंदिर स्थित भैंरवनाथ मंदिर में भैंरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना संपन्न हुई।
बाल भोग के बाद भगवान भैंरवनाथ को महाभोग लगाया गया। रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में पुजारी शिवशंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग, शिवलिंग ने अष्टादश आरती उतारी, जबकि मंदिर के वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।